x
रुपये में लगातार दूसरे दिन ताजा गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार 23 सितंबर को रुपया डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर खुला। रुपया पहली बार 81 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 80.86 के स्तर पर बंद हुआ था. गुरुवार को रुपये में गिरावट 24 फरवरी के बाद सबसे बड़ी गिरावट थी. जानकारों के मुताबिक डॉलर के मुकाबले रुपया 81 या 81.50 के स्तर तक जा सकता है.
डॉलर के मुकाबले रुपया 62 पैसे गिरकर 81.09 पर आ गया। इस गिरावट के साथ रुपया इसी के साथ अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने और सख्त रुख बनाए रखने के स्पष्ट संकेत से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सरकार विनिमय दर और महंगाई पर नजर रख रही है और उचित कदम उठा रही है.
यूएस डॉलर इंडेक्स 111 से ऊपर बना हुआ है और दो साल के यूएस बॉन्ड की यील्ड बहु-वर्षीय उच्च 4.1 प्रतिशत से ऊपर है। इन्हीं कारणों से रुपया शुक्रवार को पहली बार डॉलर के मुकाबले 81.23 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया।
सूत्रों के अनुसार, विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 75 आधार अंकों की बढ़ोतरी और यूक्रेन में भू-राजनीतिक जोखिम में वृद्धि ने भी जोखिम की भूख को प्रभावित किया। . यही वजह है कि विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा मजबूत हुई है। घरेलू इक्विटी बाजार के स्थिर रुझान, निवेशकों की जोखिम लेने की क्षमता में कमी और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने रुपये को प्रभावित किया है।
सूत्रों ने एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार के हवाले से कहा कि घरेलू फंडामेंटल के मजबूत होने के बावजूद रुपये में गिरावट का मौजूदा ट्रेंड कुछ समय तक जारी रह सकता है। हालांकि रुपये का प्रदर्शन अन्य देशों की मुद्रा के मुकाबले बेहतर रहेगा। परमार ने कहा कि USD-INR के हाजिर भाव का प्रतिरोध 81.25 से 81.40 के बीच है जबकि इसे 80.12 के स्तर पर समर्थन मिलेगा।
Next Story