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भारत में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच सरका द्वारा कम सख्ती बरतने के बीच इस बात की संभावना बढ़ती जा रही है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारत में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच सरका द्वारा कम सख्ती बरतने के बीच इस बात की संभावना बढ़ती जा रही है कि कंपनियों की कमाई पर खराब असर पड़ने की संभावना कम नजर आ रही है, जिसकी उम्मीद में सोमवार को शेयर बाजार दिनभर गुलजार रहा.
वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में कंपनियों को होने वाली अच्छी कमाई की उम्मीद में भारतीय शेयर बाजार (Indian Equity Market) में सोमवार को उत्साह देखा गया और यह कारोबार खत्म होने पर हरे निशान पर बंद हुआ. सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) अपने पिछले बंद से क्रमश: 1.09 प्रतिशत और 1.07 प्रतिशत बढ़कर 60,395 अंक और 18,003 अंक पर बंद हुए.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने बताया कि कमजोर वैश्विक बाजारों और बढ़ते कोविड मामलों के बीच, घरेलू बाजार ने कमाई के मौसम की स्वस्थ शुरुआत की उम्मीदों पर मजबूत शुरुआत रही. पीएसयू बैंकों ने सेक्टोरल रैली का नेतृत्व किया, क्योंकि रिपोर्टों ने आने वाले बजट में एफपीआई सीमा में बढ़ोतरी करने का सुझाव दिया. वहीं, रियल्टी सेक्टर ने मजबूत प्रवृत्ति का पालन किया.
ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि एफपीआई ने जनवरी 2022 में अब तक इक्विटी सेगमेंट में 3,695 करोड़ रुपये का निवेश किया है. साथ ही, एनएसई के आंकड़ों से पता चलता है कि सोमवार के सत्र के दौरान सभी सेक्टोरल इंडेक्स में तेजी आई.
सोमवार को जिन शेयरों मे तेजी देखी गई उनमें यूपीएल, हीरो मोटोकॉर्प, टाइटन, एसबीआई और मारुति सुजुकी इंडिया ने क्रमश: 4.6 प्रतिशत, 3.3 प्रतिशत, 3.1 प्रतिशत, 2.8 प्रतिशत और 2.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सबसे अधिक कमाई की.
दूसरी ओर, विप्रो, नेस्ले इंडिया, डिविज लैब्स, एशियन पेंट, पावर ग्रिड कॉपोर्रेशन के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई.
इसके अलावा, वन97 कम्युनिकेशंस-समर्थित पेटीएम के शेयर दिन के दौरान लगभग छह प्रतिशत गिर गए क्योंकि वैश्विक ब्रोकरेज हाउस मैक्वेरी ने स्टॉक के लिए लक्ष्य का मूल्य घटा दिया है
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में ओमिक्रॉन वैरिएंट के कम प्रभाव के कारण बाजार में तेजी आई है, इसका कारण यह है कि सरकार प्रतिबंध या लॉक डाउन पर सख्ती कम है. जिसकी वजह से मजबूत कॉपोर्रेट कमाई की उम्मीद के साथ-साथ आर्थिक सुधार की उम्मीद जगी है.
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