व्यापार
भारतीय बाजार में तेजी के पीछे FPI का रहा है बड़ा योगदान
Apurva Srivastav
30 April 2021 7:51 AM GMT
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एशियाई शेयर बाजारों में भारतीय बाजार ने पिछले 12 महीनों में तीसरा सबसे मजबूत प्रदर्शन किया है
केवल अप्रैल के महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भारतीय शेयर बाजार से 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा निकाल चुके हैं. ब्रोकरेज फर्म UBS का कहना है कि विदेशी निवेशक शॉर्ट टर्म में भारतीय शेयर बाजार से 3-4 अरब डॉलर (करीब 22-25 हजार करोड़ रुपए) और निकाल सकते हैं. इसका असर शेयर बाजार पर जरूर दिखाई देगा. ऐसे में निवेशकों को संभलने की जरूरत है.
एशियाई शेयर बाजारों में भारतीय बाजार ने पिछले 12 महीनों में तीसरा सबसे मजबूत प्रदर्शन किया है. इंडियन सेंसेक्स ने इस दौरान करीब 60 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है. लेकिन जिस तरह कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसको ध्यान में रखते हुए इसमें करेक्शन का पूरा-पूरा अनुमान लगाया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक अगले कुछ महीनों में FPI कुल 5 अरब डॉलर तक निकाल लेंगे. भारतीय बाजार में तेजी के पीछे FPI का बड़ा योगदान रहा है.
अक्टूबर से FPI लगातार लिवाल रहे हैं और मार्च तक बाजार में पैसा झोंकते रहे हैं. इन छह महीनों में FPI ने भारतीय बाजारों में 2.10 लाख करोड़ से ज्यादा निवेश किया है. जब से FPI ने पैसा डालना शुरू किया है, शेयर बाजार उछालें मार रहा है. 30 सितंबर 2020 को सेंसेक्स 38067 के स्तर पर बंद हुआ था. उसके बाद जैसे-जैसे FPI आने लगे इसमें तेजी आने लगी और यह 52500 के स्तर (16 फरवरी को 52516 के ऑल टाइम हाई) तक पहुंच गया था. उसके बाद से इसमें गिरावट आई और बाजार ऊपर-नीचे हो रहा है.
Apurva Srivastav
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