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'एंटी नेशनल' बताने पर Infosys के पूर्व चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर मोहनदास पई ने पांचजन्य पत्रिका को दिया ये जवाब

Renuka Sahu
7 Sep 2021 5:17 AM GMT
एंटी नेशनल बताने पर Infosys के पूर्व चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर मोहनदास पई ने पांचजन्य पत्रिका को दिया ये जवाब
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फाइल फोटो 

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का मुखपत्र माने जाने वाले पांचजन्य में इंफोसिस को एंटी नेशनल फोर्स बताए जाना का मामला तूल पकड़ता जा रहा है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) का मुखपत्र माने जाने वाले पांचजन्य में इंफोसिस को एंटी नेशनल फोर्स बताए जाना का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कुछ दिन पहले इस मैगजीन में 4 पेज की एक कवर स्टोरी छपी थी, जिसका शीर्षक था साख और आघात, जिसमें IT कंपनी इंफोसिस को जमकर निशाना बनाया गया है.

इंफोसिस को पांचजन्य ने बताया एंटी नेशनल
पांचजन्य के इस लेख में कहा गया है कि, 'ऐसे आरोप लग रहे हैं कि इंफोसिस का प्रबंधन जान-बूझकर भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है. कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई देशविरोधी ताकतें इंफोसिस के जरिए भारत के आर्थिक हितों को चोट पहुंचाने में जुटी है?
मोहनदास पई का जवाब
इस स्टोरी में इंफोसिस को टुकड़े टुकड़े गैंग का हिस्सा, राष्ट्र विरोधी, नक्सलियों का मददगार वगैरह बताया गया है. अब इस पर इंफोसिस के पूर्व चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर टीवी मोहनदास पई का बयान आया है. पई ने कहा है कि कारोबार के लिए इस तरह की राजनीतिक भाषा का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है.
वेब पोर्टल Moneycontrol में मोहनदास पई ने कहा कि यह लेख कुछ 'सनकी विचारों' वाले लोगों द्वारा लिखा गया है और इंफोसिस हमेशा से ही देशहित में खड़ी रही है. उन्होंने कहा कि 'इनकम टैक्स पोर्टल अगर यूजर्स की उम्मीदों के मुताबिक काम नहीं कर रहा, तो इसके लिए इंफोसिस की आलोचना जरूर की जा सकती है, लेकिन इसे राष्ट्र विरोधी कहना और इसे किसी साजिश का हिस्सा बताना कुछ दिमागी रूप से असंतुलित, सनकी लोगों का ही काम हो सकता है और हम सभी को एकजुट होकर ऐसे मूर्खतापूर्ण बयानों की निंदा करनी चाहिए.
RSS ने किया किनारा
पांचजन्य लेख में और भी कई गंभीर आरोप इंफोसिस पर मढ़े गए हैं. इसमें लिखा गया है कि इंफोसिस की इस तरह की सेवाएं असल में विपक्ष की साजिश हो सकती है ताकि ये काम विदेशी कंपनियों को सौंपा जा सके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की योजना को झटका लगे. हालांकि विवाद बढ़ता देख RSS की तरफ से इस पूरे मसले पर सफाई आई. RSS इस पूरे विवाद से खुद को अलग करती नजर आई. RSS के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने ट्वीट किया कि भारतीय कंपनी के नाते इंफोसिस का भारत की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान है. इंफोसिस संचालित पोर्टल को लेकर कुछ मुद्दे हो सकते हैं परंतु पान्चजन्य में इस संदर्भ में प्रकाशित लेख, लेखक के अपने व्यक्तिगत विचार हैं तथा पांचजन्य संघ का मुखपत्र नहीं है. अतः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को इस लेख में व्यक्त विचारों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
क्यों निशाने पर है इंफोसिस?
दरअसल इंफोसिस ने ही इनकम टैक्स का नया पोर्टल तैयार किया है. 7 जून को इसे लॉन्च किया गया था, लेकिन लॉन्च के समय से लेकर अबतक इसमें कई दिक्कतें बनी हुई हैं. टैक्सपेयर्स की परेशानियों का संज्ञान खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लिया और इंफोसिस को फटकार भी लगाई थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 अगस्त को इंफोसिस के CEO और MD सलिल पारेख को तलब भी किया था और उन्हें जल्द से जल्द कमियों को दूर करने को कहा था.


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