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भारतीय बाजारों से विदेशी निवेशकों ने अप्रैल में निकाले 9659 करोड़ रुपये
Deepa Sahu
2 May 2021 11:50 AM GMT
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विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजारों में छह महीने से जारी खरीददारी का दौर अप्रैल में थम गया।
विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजारों में छह महीने से जारी खरीददारी का दौर अप्रैल में थम गया। विदेशी निवेशक अप्रैल माह में शुद्ध बिकवाल रहे और माह के दौरान उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों से 9,659 करोड़ रुपये की निकासी की। भारत में कोरोना वायरस की गंभीर लहर और उसके अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुये विदेशी निवेशकों ने अपना यह रुख बदला।
बाजार में आ सकती है उथल-पुथल
माईवेल्थग्रोथ.कॉम के सह संस्थापक हर्षद चेतनवाला के अनुसार विदेशी निवेशकों में कोविड-19 संकट का भय यदि बढ़ता है तो विदेशी निवेशकों के अपनी हिस्सेदारी बेचने का चलन जोर पकड़ सकता है और बाजार में थोड़ी और उथल-पुथल आ सकती है।
सितंबर, 2020 के बाद पहली बार की गई इतनी निकासी
डिपॉजिटरी के पास मौजूद आंकड़े के मुताबिक पिछले महीने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय इक्विटी बाजार से 9,659 करोड़ रुपये की पूंजी निकाली। सितंबर, 2020 के बाद से पहली बार इस स्तर पर पूंजी की निकासी की गई। तब 7,782 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी।
तीन महीने में किया गया 55,741 करोड़ रुपये का निवेश
अप्रैल से पहले अक्तूबर, 2020 और मार्च, 2021 के बीच एफपीआई ने इक्विटी में 1.97 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था। इसमें इस साल के पहले तीन महीने में किया गया 55,741 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है।
शेयर खान (बीएनपी पैरिबास) के कैपिटल मार्केट स्ट्रैटेजी विभाग के प्रमुख, वरिष्ट उपाध्यक्ष, गौरव दुआ ने कहा, 'उभरते बाजारों में विदेशी निवेश में सामान्य रूप से एक मंदी आई है। खासतौर पर भारत में कोरोना की दूसरी लहर और अर्थव्यवस्था पर उसके असर से विदेशी संस्थानों पर इक्विटी बेचने का दबाव है।' रिलायंस सिक्युरिटीज के स्ट्रैटेजी प्रमुख बिनोद मोदी ने कहा कि एफपीआई की बिक्री थोड़े समय की प्रक्रिया है और इससे एक बड़ा जोखिम पैदा होने की आशंका नहीं है क्योंकि भारतीय इक्विटी की बुनियाद ठोस है।
उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 मामलों में अच्छी खासी कमी आने पर आने वाले महीनों में इक्विटी में एफपीआई का प्रवाह वापस लौट सकता है। इक्विटी के अलावा एफपीआई ने पिछले महीने कुल 118 करोड़ रुपये के ऋण पत्रों की भी बिकवाली की। इस साल अब तक एफपीआई ने शेयरों में 46,082 करोड़ रुपये का निवेश किया, लेकिन ऋण पत्रों से कुल 15,616 करोड़ रुपये की राशि निकाली है।
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