x
DEMO PIC | न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: उत्तर भारत में चाय (North Indian Tea) की बढ़ती कीमतें और श्रीलंका (Sri Lanka) में जारी आर्थिक सकंट से विदेशी खरीदारों का रुख कोच्चि की तरफ मुड़ा है. अब चाय खरीद करने वाले विदेशी खरीदार (Indian Tea Buyers) कोच्चि से बड़ी मात्रा में चाय खरीद रहे हैं. इनमें खास तौर पर ईरान (Iran) और तुर्की (Turkey) शामिल हैं.
व्यापारियों ने बताया कि कोलकाता की नीलामी में दूसरी बार की तुड़ाई वाली पत्तियों (Second Flush Tea Leaf) की कीमतें 350-450 रुपये प्रति किलो के आसपास बनी हुई हैं. इसकी वजह से विदेशी खरीदार न केवल ईरान से बल्कि तुर्की और रूस जैसे देशों से भी दक्षिण भारत के बाजारों से चाय खरीद रहे हैं.
'बिजनेस लाइन' की रिपोर्ट के अनुसार नीलगिरी की पत्तियों की अच्छी मांग देखने को मिल रही है. साथ ही कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है. चाय की पत्तियों की कीमतें औसतन 4 रुपये प्रति किलो बढ़कर 159 रुपये प्रति किलो हो गई हैं. साथ ही ग्रेड में दी जाने वाली चाय की मात्रा में भी बढ़ोतरी हुई है.
इस बीच सीटीसी डस्ट की कीमतें 3 से 5 रुपये तक बढ़ी हैं और ये 127 रुपये किलो तक पहुंच गई है. पिछले सप्ताह की तुलना में इस बार 6 रुपये प्रति किलो का इजाफा हुआ है. दक्षिण भारत के एक प्रमुख चाय निर्यातक ने बताया कि ईरान और अन्य पश्चिम एशियाई देश दक्षिण भारतीय और उत्तर भारतीय बाजार से चाय की खरीद करते हैं. बेहतरीन गुणवत्ता वाली सीटीसी चाय की बढ़ती कीमतों ने उन्हें दक्षिण भारतीय चाय बाजार की तरफ मोड़ा है.
श्रीलंका के चाय बाजार में आई अनिश्चितता की वजह से चाय की मांग में बढ़ोतरी हुई है. लेकिन चाय की पत्तियां हर जगह उपलब्ध नहीं हैं. चाय की बढ़ती मांग कुछ समय तक जारी रह सकती है. बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए दक्षिण भारत में तीन बड़ी चाय बनाने वाली कंपनियों ने काली चाय का उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है. कुन्नूर ऑक्शन में सीटीसी डस्ट की मांग कमजोर हुई है. इस वजह से कीमतों में भारी गिरावट आई है और प्रस्तावित मात्रा का 75 प्रतिशत हिस्सा नहीं बिका है.
Next Story