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महंगे हुए खाद्य तेज, त्योहार से पहले ही आम जनता को लगा बड़ा झटका

Nilmani Pal
24 Oct 2021 10:59 AM GMT
महंगे हुए खाद्य तेज, त्योहार से पहले ही आम जनता को लगा बड़ा झटका
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त्योहारी सीजन के बीच आम उपभोक्‍ता को खाद्य तेलों की महंगाई (Edible Oil Price Hike) का झटका लगा है. दरअसल, त्‍योहारों की मांग बढ़ने और तिलहन की कमी के कारण बीते सप्ताह दिल्ली के बाजार में सरसों (Mustard Seeds/Oil), मूंगफली, सोयाबीन और कच्‍चा पाम ऑयल (CPO) समेत लगभग सभी तेल-तिलहन के भाव बढ़ गए हैं. बाजार के जानकारों का कहना है कि हालिया बरसात से तिलहन फसलों को हुए नुकसान के कारण भी खाद्य तेलों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है.

दीवाली के बाद सरसों की मांग में होगी तेज बढ़ोतरी

देश में सरसों का 10-12 लाख टन का स्टॉक रह गया है, जो ज्यादातर किसानों के ही पास है. त्योहारी मांग लगातार बढ़ रही है और दीवाली के बाद सरसों की मांग में तेज बढ़ोतरी होगी. ऐसे में सलोनी शम्साबाद में सरसों का भाव बीते सप्ताह के अंत में 8,900 रुपये से बढ़ाकर 9,200 रुपये क्विंटल कर दिया गया. इससे सरसों तेल-तिलहन के भाव में उछाल दर्ज किया गया है. वहीं, बिजाई में देरी के कारण सरसों की अगली फसल आने में अभी करीब एक महीने की देर हो सकती है. हालांकि, इस बार सरसों का उत्पादन दोगुना होने की उम्‍मीद जताई जा रही है. बाजार के जानकारों का कहना है कि मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखकर सरसों का स्थायी रूप से करीब 5-10 लाख टन स्टॉक रखना चाहिए. केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने शुक्रवार को कहा था कि फरवरी 2022 में अगली फसल आने के बाद ही सरसों की कीमतों में नरमी की संभावना है. उन्होंने कहा कि खाद्य तेलों की वैश्विक कीमतों में वृद्धि के कारण सरसों के तेल की कीमतों पर असर पड़ा है. समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल के भाव मजबूत होने से मूंगफली की मांग बढ़ गई है, जिसकी वजह से मूंगफली तेल-तिलहन के भाव भी बढ़ गए हैं. सोयाबीन की नई फसल की आवक शुरू होने से पहले ही वायदा कारोबार में इसके भाव कम हैं. नई फसल के आने के समय आमतौर पर भाव गिराया जाता है. ऐसे में किसानों को कम दाम पर अपनी फसल बेचने पर मजबूर होना पड़ता है.

सोयाबीन की नई फसल की मंडियों में आवक कम है और किसान कम भाव पर बिकवाली से बच रहे हैं. इससे समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल-तिलहन के भाव बढ़कर बंद हुए. समीक्षाधीन सप्ताह में मलेशिया एक्सचेंज में मजबूती रहने से कच्चा पामतेल (CPO) और पामोलीन के भाव भी मजबूत रहे, जबकि त्योहारी मांग से बिनौला तेल में भी सुधार आया. सरसों दाने का भाव बीते सप्ताह 145 रुपये बढ़कर 8,870-8,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जो पिछले सप्ताह के आखिर में 8,730-8,755 रुपये प्रति क्विंटल था. सरसों दादरी तेल का भाव पिछले सप्ताह के मुकाबले 450 रुपये बढ़कर समीक्षाधीन हफ्ते के आखिर में 18,000 रुपये क्विंटल हो गया. सरसों पक्की घानी तेल की कीमतें 40 रुपये बढ़कर 2,705-2,745 रुपये और कच्ची घानी के दाम भी 40 रुपये बढ़कर 2,780-2,890 रुपये प्रति टिन हो गए.

त्योहारी मांग के कारण समीक्षाधीन सप्ताहके अंत में सोयाबीन दाने का भाव 50 रुपये बढ़कर 5,300-5,500 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ. वहीं, सोयाबीन लूज के भाव 5,050-5,150 रुपये क्विंटल के स्‍तर पर बने रहे. सोयाबीन दिल्ली के भाव 370 रुपये बढ़कर 14,050 रुपये, सोयाबीन इंदौर 420 रुपये उछलकर 13,670 रुपये और सोयाबीन डीगम के दाम 380 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 12,580 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए. समीक्षाधीन सप्ताह के आखिर में बिनौला तेल में आई तेजी से मूंगफली की मांग बढ़ गई. इससे मूंगफली का भाव 15 रुपये सुधरकर 6,300-6,385 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ. वहीं, मूंगफली गुजरात का भाव 15 रुपये की वृद्धि के साथ 14,315 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ. मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड का भाव 10 रुपये बढ़कर 2,090-2,220 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ.

कच्चे पाम तेल (CPO) का भाव 300 रुपये बढ़कर 11,450 रुपये क्विंटल पर पहुंच गया. पामोलीन दिल्ली के दाम 160 रुपये बढ़कर 13,060 रुपये और पामोलीन कांडला तेल के भाव 60 रुपये बढ़ोतरी के साथ 11,860 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए. वहीं, बिनौला तेल का भाव 450 रुपये बढ़कर 13,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ.

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