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नये वित्तीय वर्ष पर वित्तीय भविष्य को सुरक्षित के लिए अपनाएं सही रणनीति
Apurva Srivastav
29 March 2021 8:00 AM GMT
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पिछले एक साल में कोरोना वायरस ने हर किसी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है
पिछले एक साल में कोरोना वायरस ने हर किसी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि भविष्य को वित्तीय रूप से सुरक्षित करना बेहद जरूरी है. मुश्किल परिस्थितियों में खुद के पास पर्याप्त पूंजी हो तो मुश्किलें थोड़ी आसान हो जाती हैं. भविष्य को सुरक्षित करने के लिए हर किसी को वित्तीय प्लानिंग करनी चाहिए. आप किसी महामारी का अनुमान तो नहीं लगा सकते हैं, लेकिन इससे निपटने या असर कम करने के लिए खुद की तैयारी कर सकते हैं. इसी को देखते हुए आज हम आपको कुछ ऐसे प्लानिंग के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिसकी मदद से नये वित्तीय वर्ष में अपने भविष्य को पैसों के मामले में सुरक्षित करने की ओर बढ़ सकेंगे. आइए जानते हैं इनके बारे में…
1. हेल्थ इंश्योरेंस: मेडिकल इमरजेंसी और गंभीर बीमारियां आपकी पूंजी के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में आप अपने वित्तीय गोल को पूरा करने से चूक सकते हैं. स्वास्थ्य संबंधी समस्या आपके खर्च को तो बढ़ा ही देंगे, साथ ही इनकम को भी कम कर सकते हैं. इसीलिए अपने निवेश प्लान में हेल्थ इंश्योरेंस को जरूर रखें. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की मदद से आप अपने मेडिकल खर्चों से निपट सकते हैं, अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं.
2. टर्म प्लान और पर्सनल एक्सीडेंट: टर्म प्लान की मदद से आप अपने बाद भी परिवार को सुरक्षित कर सकते हैं. साथ ही टर्म प्लान की मदद से आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचत भी कर सकते हैं. टर्म प्लान में किसी वजह से मृत्यु होने पर परिवार को एश्योर्ड रकम मिलता है. जबकि, पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस की मदद से किसी दुर्घटना की वजह से मृत्यु और स्थायी विकलांगता की स्थिति में कवरेज मिलता है. आदर्श स्थिति में तो आपको एक अच्छे टर्म प्लान में निवेश करना सबसे बड़ी फाइनेंशियल प्रायोरिटी होनी चाहिए. हालांकि, अगर पूरी प्रोटेक्शन चाहते हैं तो इसके अलावा पर्सनल एक्सीडेंट कवर भी लें.
3. घर या प्रॉपर्टी का इंश्योरेंस: जिस प्रकार आपको अपने स्वास्थ्य और जीवन की सुरक्षा को जरूरत है, ठीक उसी प्रकार आपको अपनी प्रॉपर्टी को भी सुरक्षित करना चाहिए. किसी प्राकृतिक आपदा या मानव निर्मित संकट में आपको वित्तीय सुरक्षा मिल सकेगी. होम इंश्योरेंस पॉलिसी की मदद से आप अपने घर या प्रॉपर्टी को होने वाले नुकसान की स्थिति में आप पर वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ेगा.
4. म्यूचुअल फंड्स: यह प्रोफेशनल तौर पर निवेश करने वाला विकल्प है. इसके तहत आप इक्विटी, डेब्ट से लेकर सोने तक में निवेश कर सकते हैं. इसमें आप 1 महीने से लेकर 10 साल तक के लिए निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा म्यूचुअल फंड्स में आपके पास स्कीम्स की एक बड़ी रेंज में निवेश करने का विकल्प मिलता है. इस विकल्प में आप सही रणनीति तैयार बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. रिस्क उठाने की क्षमता के आधार पर आप निवेश विकल्प चुन सकते हैं. ऐसे में म्यूुचुअल फंड में अपने निवेश का कुछ हिस्सा डालने से आप अपने फाइनेंशियल गोल को जल्दी पूरा करने की ओर बढ़ सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको सही जानकारी जुटाकर ही कोई कदम उठाना चाहिए.
5. पब्लिक प्रोविडेंट फंड: PPF उन विकल्पों में है, जिसे फाइनेंशियल प्लानर्स हर किसी को पोर्टफोलियो में रखने की सुझाव देते हैं. यह एक ऐसा सुरक्षित निवेश विकल्प हैं जहां आपको गारंटी रिटर्न मिलता है. हालांकि आपको यह देखना होगा पीपीएफ के ब्याज दर को केंद्र सरकार तय करती है और हर तिमाही में इसे रिवाइज किया जाता है. पहले के आंकड़ों से पता चलता है कि फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में पीपीएफ पर ब्याज दर ज्यादा ही होता है. PPF पर आपको सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट तो मिलेगा ही, इसके रिडेम्पशन के समय पर भी आप टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं. लेकिन आपको यह देखना होगा कि पीपीएफ एक लंबी अवधि की योजना है और इसमें 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. इसके बाद आप चाहें तो 5-5 साल की अवधि में इसे बढ़ा सकते हैं.
कुछ ऐसे विकल्प हैं, जिसे हर किसी को अपने रिस्क उठाने और वित्तीय जरूरतों के आधार पर चुनना चाहिए. इन पर मिलने वाले रिटर्न व अन्य लाभ इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने दिन तक इसमें कितना निवेश करते हैं, कितने समय तक निवेश करते हैं.
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