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फूल को माना जाता है कैश कॉर्प, उत्पादन के साथ फूलों के निर्यात का दायरा भी बढ़ा
Shiddhant Shriwas
26 Oct 2021 12:44 PM GMT
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हमारे किसान पारंपरिक फसलों की खेती तो करते हैं. अगर वे साथ में मौसमी फूलों की खेती अपना लें तो अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं
हमारे किसान पारंपरिक फसलों की खेती तो करते हैं. अगर वे साथ में मौसमी फूलों की खेती अपना लें तो अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. आज के दौर में बढ़ते फूलों के उपयोग ने फूलों की खेती को एक बड़े व्यवसाय का रूप दे दिया है. फूलों की खेती मौजूदा दौर में फायदे का सौदा है. यहीं कारण है कि किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ और इसके अलावा भी फूलों की खेती का रुख करने लगे हैं.
अपने देश में देसी-विदेशी हर तरह के फूलों की खेती की जाती है. हालांकि पहले सिर्फ 3 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ही फूल उगाए जाते थे, लेकिन अब दायरा बढ़कर 3 लाख हेक्टेयर हो चुका है. यह बढ़ा हुआ आंकड़ा बताता है कि किसान फूलों की खेती में खासी दिलचस्पी ले रहे हैं.
उत्पादन के साथ फूलों के निर्यात का दायरा भी बढ़ा
एकीकृत बागवानी विकास मिशन का लाभ भी किसानों को बड़े पैमाने पर मिल रहा है. इस मिशन का किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके, इसके लिए किस क्षेत्र में कौन सी फसल से बेहतर पैदावार ली जा सकती है, इसके संबंध में किसानों को जानकारी दी जाती है. इसके साथ ही प्रशिक्षण भी दिया जाता है.
प्रशिक्षण में किसानों को प्रचलित फसलों से हटकर अन्य फसलों की खेती करना सिखाया जाता है. डीडी किसान की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस योजना के लागू होने के बाद से भारत में फल, सब्जियों और फूलों के उत्पादन के साथ ही निर्यात का दायरा भी काफी बढ़ा है.
फूलों को माना जाता है कैश कॉर्प
फ्लोरीकल्चर और लैंडस्केप आर्किटेक्टर के अध्यक्ष डॉ एसएस संधू डीडी किसान से बातचीत में बताते हैं कि फूलों की खेती का रकबा बढ़ने के पीछे केंद्र सरकार की योजनाओं की अहम भूमिका है. एकीकृत बागवानी विकास मिशन का इसमें काफी योगदान रहा है. केंद्र की तमाम योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी भी दी जा रही है.
वे कहते हैं कि फूलों की खेती के लिए जरूरी है कि उनकी गुणवत्ता काफी अच्छी हो और बाजार उपलब्ध हों. संधू कहते हैं कि फूलों को कैश कॉर्प माना जाता है क्योंकि खाद्यान्न फसलों से इसमें मुनाफा काफी ज्यादा है. ऐसे में अगर किसान बाजार और मौसम को ध्यान में रखकर फूलों की खेती करते हैं तो उन्हें काफी लाभ मिल सकता है और वे समृद्ध जीवन जी सकते हैं.
Shiddhant Shriwas
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