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गन्ना किसानों को उपलब्ध कराई गई पांच नई प्रजातियां

Teja
9 Feb 2023 1:50 PM GMT
गन्ना किसानों को उपलब्ध कराई गई पांच नई प्रजातियां
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सहारनपुर। चीनी का कटोरा माने जाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादकों को गन्ना विभाग की ओर से पांच नई उन्नत प्रजाति का बीज उपलब्ध कराया गया है जिससे पैदावार में बहुत बढ़ोतरी होती है और साथ ही लाल सड़न रोग का प्रभाव भी बहुत कम हो जाता है।
सहारनपुर मंडल के गन्ना उपायुक्त डा. दिनेश्वर मिश्र ने बृहस्पतिवार को बताया कि गन्ने की इन नई उन्नत प्रजातियो में कोशा-16233, कोशा-15233 , को-लख 14204, को-लख 15204 , को-लख 15466 शामिल है। ये प्रजातियां जमाव, व्यात, मिल योग्य गन्ने की मात्रा, उपज एवं पेड़ी क्षमता और गुणवत्ता में भी सर्वोत्तम है।
उन्होने कहा कि प्रदेश में अब तक 46 लाख से ज्यादा गन्ना किसानों को एक लाख 95 हजार 60 करोड़ रूपए का रिकार्ड भुगतान किया गया है। गन्ने की पैदावार और चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश भारत में आज पहले स्थान पर आ गया है। चालू पेराई सत्र 2022-23 में पहली बार गन्ने का भुगतान 72 फीसद से अधिक चल रहा है। जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी ज्यादा है।
डा. मिश्र ने बताया कि बजाज समूह की चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2021-22 में देय गन्ना मूल्य की तुलना में प्रतापपुर, बिलाई, गांगनोली (सहारनपुर) एवं बुढ़ाना (मुजफ्फरनगर) चीनी इकाइयों का भुगतान किया जा चुका है। जो 90 फीसद के आसपास है। बजाज समूह की चीनी मिलें बाकी भुगतान फरवरी माह के मध्य तक कर देंगी। गन्ना विभाग गन्ना किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए कीट नाशकों, जैव उत्पाद एवं कृषि यंत्र पर 20 फीसद की छूट चीनी मिलों से दिला रहा है।
इनमें समतुल्य कीटनाशक अंकुश, ट्राईकोडर्मा, आर्गेनिक डी-कम्पोजर, हेग्सा स्टोप, रेटून मैनेजमेंट डिवाईस, फ्रेंच ओपनर, एफआईआरबी, स्प्रेयर, एमबी बलाऊ, डिस्क बलाऊ, चिजलर, स्वावलर, कल्टीवेटर, हैरो, डीपफ्रो, ड्रेस मल्वर एवं पावर बीडर आदि कृषि उपयोगी यंत्र शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि गन्ना किसानों खासकर छोटे और मध्यम किसानों को गन्ने की खेती की लागत कम करने में और उनकी आमदनी बढ़ाने में फार्म मशीनरी बैंक भी उपयोगी भूमिका निभा रहा है। प्रदेश में 146 गन्ना मिल एवं चीनी मिल समितियों में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए शुरूआती चरण में तीन फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र, दो मलवर एवं एक रिवर्सिबल एमबी ब्लाऊ के क्रय के साथ ही फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना का काम भी पूरा हो गया है और साथ ही सक्षम 77 गन्ना समितियों के फार्म मशीनरी बैंकों में ट्रेक्टर को भी शामिल कर लिया गया है।



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