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फिच ने कहा कि अगर महामारी को काबू में करने के लिए प्रतिबंध बढ़ाए जाते हैं तो इन जोखिमों के बढ़ने की आशंका है, क्योंकि
रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch Ratings) ने कहा कि कोविड-19 (COVID-19) की दूसरी लहर के बीच नॉन-बैंकिंग फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (NBFIs) के सामने फिर से एसेट क्वालिटी और लिक्विडिटी का का जोखिम खड़ा हो गया है. फिच ने कहा कि अगर महामारी को काबू में करने के लिए प्रतिबंध बढ़ाए जाते हैं तो इन जोखिमों के बढ़ने की आशंका है, क्योंकि इससे आर्थिक गतिविधियां बाधित होंगी. रेटिंग एजेंसी ने आगे कहा कि संक्रमण की दर में बढ़ोतरी और लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों के व्यापक होने से चालू वित्त वर्ष में उसका 12.8 फीसदी की ग्रोथ का पूर्वानुमान भी घट सकता है.
फिच रेटिंग ने एक बयान में कहा, कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बीच भारत के नॉन-बैंकिंग फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस नए सिरे से एसेट क्वालिटी और लिक्विडिटी जोखिम का सामना कर सकते हैं. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण का प्रमुख केंद्र महाराष्ट्र है, जो नेशनल सकल घरेलू उत्पाद में 13-14 प्रतिशत का योगदान करता है.
कोरोना मामलों की संख्या में भारी बढ़ोतरी
भारत से अब कोरोना के डराने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं. पिछले 24 घंटों में देश भर में संक्रमण के 1,26,789 नए केस दर्ज किए गए हैं. इसमें सिर्फ महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 59,907 मामले सामने आए. देश में लगातार दूसरे दिन नए केस की संख्या 1 लाख के पार गई है. वहीं पिछले 24 घंटों में संक्रमण से 685 लोगों की मौत हो गई. बढ़ते मामलों के कारण राज्य सरकार लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू जैसे कदम उठा रहे हैं.
RBI ने 10.5 फीसदी GDP ग्रोथ अनुमान रखा बरकरार
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए इकोनॉमिक ग्रोथ के अनुमान को 10.5 फीसदी पर बरकरार रखा और कहा कि कोविड-19 संक्रमण में बढ़ोतरी ने इकोनॉमिक ग्रोथ रेट में सुधार को लेकर अनिश्चितता पैदा की है.
2021 मे 12.5 फीसदी GDP का जताया अनुमान
आईएमएफ ने भारत की ग्रोथ पर भरोसा जताते हुए अनुमान लगाया है कि 2021 में भारत की जीडीपी 12.5 फीसदी रह सकती है. ये तब है जब भारत समेत पूरी दुनिया की इकोनॉमी रिकवरी मोड में आ रही है.
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