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रोजगार का बेहतर विकल्प है मछली पालन, जानिए क्यों बेहद जरूरी है जाल चलाना

Shiddhant Shriwas
30 Oct 2021 10:31 AM GMT
रोजगार का बेहतर विकल्प है मछली पालन, जानिए क्यों बेहद जरूरी है जाल चलाना
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अगर जाल सिर्फ एक तालाब में चलता है तो इससे परेशानी नहीं हैं पर जाल अगर दूसरे तालाब में भी चलाया जाता है

मछली पालन रोजगार का एक बेहतर विकल्प के तौर पर विकसित होता जा रहा है. युवा इस क्षेत्र में काफी आकर्षित हो रहे हैं. इसके साथ ही इस क्षेत्र में नयी नयी तकनीक का इजाद किया जा रहा ताकि मछली उत्पादन को बढ़ाया जा सके. केंद्र और राज्य सरकार भी मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए और मछली पालकों को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं से मत्स्य पालक लाभान्वितत हो रहे हैं. मछली पालन के लिए सबसे जरूरी होती है इससे जुड़ी जानकारी. मछली पालकों को मछली पालन से जुड़ी हर जानकारी होनी चाहिए ताकि वो बेहतर उत्पादन कर सके हैं और उन्हें ज्यादा मुनाफा हो सके.

मत्स्य निदेशालय रांची के पूर्व अधिकारी आशीष में मछली पालने वाले किसानों को समय समय पर तालाब की गुणवत्ता को हमेशा बनाये रखना पड़ता है. समय समय पर पानी की जांच करनी पड़ती है. पर इसके साथ ही तालाब में समय समय पर जाल चलाया जाना चाहिए. क्योंकि अक्सर ऐसा होता है कि कई किसान इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं जिसके कारण उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ता है. तालाब में समय समय पर जाल चलाना तालाब की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए बेहद जरूरी है. इसलिए किसानों को इसका पालन करना चाहिए.
कौन सा जाल चलाया जाए
मछलियों की जांच करने के लिए समय समय पर फेंकने वाला जाल चलाया जाता है. इसके अलावा पूरे तालाब में चलाने के लिए दो तरह के जाल होते हैं. एक नायलॉन का जाल होता है, जो मच्छरदानी की तरह होता है. जिसे चट जाल भी कहा जाता है. इसमे परेशानी यह होती है कि इसके छेद छोटे होते हैं. इसे चलाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है और अधिक लोगों की जरुरत भी होती है. दूसरा खींचा जाल या टाना जाल (drag net) होता है. इसमें छेद बड़े होते है. इसलिए यह चलाने में आसान होता है. इसे तालाब आकार का जाल चला सकते हैं.
जाल चलाने से पहले क्या करें
अगर जाल सिर्फ एक तालाब में चलता है तो इससे परेशानी नहीं हैं पर जाल अगर दूसरे तालाब में भी चलाया जाता है तो उस जाल में दूसरे तालाब का संक्रमण या कीड़ों के अंडे आ सकते हैं जो आपके तालाब के नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके लिए जाल चलान से पहले नमक या पोटेशियम परमैगनेट के घोल में जाल को डूबा देना चाहिए. ताकि सभी संक्रमण खत्म हो जाए. किसान भाईयों को हमेशा इस बात का ध्यान देना चाहिए.
जाल चलाने के लाभ
जाल चलाने का सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इससे मछलियां तालाब के अंदर भागती है, जिससे उनका पाचन सही होता है, स्वास्थ्य सही रहता है, इससे उनका विकास अच्छी तरह से होता. दूसरा लाभ यह कि जाल चलाने से यह जानकारी मिल जाती है कि तालाब में मछलियों का विकास सही तरीके से हो रहा है कि. साथ ही यह पता चलता है कि जिस प्रजाति की मछलियों का संचयन किया गया है वो तालाब में है कि नहीं. साथ ही इससे पता चल चल जाता है कि मछलियों में कोई संक्रमण तो नहीं हुआ है. साथ ही तालाब की सफाई हो जाती है, तालाब से परजीवी नष्ट हो जाते हैं. इसलिए महीने में कम से कम दो बार जाल चलाना चाहिए.
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