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दूसरे बेव से निपटने में सक्षम हैं और इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है.
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ल्ड बैंक से कहा कि वो कमजोर देशों की लोन भुगतान क्षमता को ध्यान में रखते हुए संकट के दौर में किए गए उपायों को बनाये रखना जारी रखें. वित्त मंत्री ने ये भी आग्रह किया कि विश्वबैंक इन प्रयासों को और मजबूत करने की संभावनाएं तलाशने का काम करें.
वित्त मंत्री सीतारमण ने विश्वबैंक– अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की विकास समिति की 103वीं बैठक को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए विकासशील देशों को समय पर और सस्ती दरों में टीका उपलब्ध कराने में विश्व बैंक समूह द्वारा निभाई गई सक्रिय भूमिका की सराहना की.
कर्ज की रकम 100 अरब डॉलर के पार
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डब्ल्यूबीजी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन और वैश्विक टीका गठबंधन जैसी बहुपक्षीय एजेंसियों की मदद से यह काम करने में भूमिका निभाई.सीतारमण ने कहा कि कोविड- 19 महामारी के दौरान विश्वबैंक समूह ने अपनी वित्त पोषण गतिविधियों को बढ़ाया है. इसके चलते पहली बार कुल मंजूर कर्ज की रकम 100 अरब डालर से ऊपर निकल गई.
महामारी से सुरक्षित करने पर सरकार का जोर
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान में सभी देश कोविड- 19 महामारी से अपने लोगों को सुरक्षित निकालने और अपनी अर्थव्यवस्था का संचालन करने पर है. सीतारमण ने कहा कि भारत ने महामारी की रोकथाम और उसके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए कई उपाय किये हैं. इसके लिये पिछले एक साल के दौरान आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की पूरी श्रंखला जारी की गयी है.
आत्मनिर्भर पैकेज से मिली राहत
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस दौरान कुल मिलाकर 27.1 लाख करोड़ रुपए का आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की है जो कि जीडीपी का 13 प्रतिशत हिस्सा है. उन्होंने कहा कि ये पैकेज न केवल गरीब और वंचित तबके को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिये जारी किये गये हैं बल्कि इसके साथ आर्थिक सुधारों को भी आगे बढ़ाने का काम किया गया है. दरअसल कोरोना की दूसरी वेव जिस तेजी से बढ़ रही है उसे देखते हुए सरकार इकोनॉमी की रफ्तार को सुस्त नहीं होना देना चाहती वहीं आरबीआई ने भी कहा है कि हम कोरोना के दूसरे बेव से निपटने में सक्षम हैं और इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है.
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