व्यापार

FASTag के जरिए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा टोल कलेक्शन, क दिन में होई 103.54 करोड़ की कमाई

Neha Dani
3 July 2021 2:29 AM GMT
FASTag के जरिए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा टोल कलेक्शन, क दिन में होई 103.54 करोड़ की कमाई
x
यह कदम टोल प्लाजा ऑपरेटरों में जवाबदेही की एक और भावना पैदा करने के लिए है.

कई राज्यों में लॉकडाउन में ढील के बाद राजमार्गों पर यातायात बढ़ने पर फास्टैग के जरिए होने वाला टोल कलेक्शन कोविड की दूसरी लहर से पहले रिकॉर्ड किए स्तर तक पहुंच गया है. 1 जुलाई 2021 को 63.09 लाख रुपये के लेनदेन के साथ, देशभर में फास्टैग के जरिए होने वाला टोल कलैक्शन 103.54 करोड़ रुपये हो गया है. फास्टैग के जरिए इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन देशभर में 780 सक्रिय टोल प्लाजा पर संचालित हो रहा है.

जून 2021 में टोल कलेक्शन बढ़कर 2,576.28 करोड़ रुपये हो गया जो कि मई 2021 में वसूले गए 2,125.16 करोड़ रुपये से लगभग 21 प्रतिशत अधिक है. लगभग 3.48 करोड़ यूजर्स के साथ, देशभर में फास्टैग का इस्तेमाल करीब 96 प्रतिशत तक हो रहा है और कई टोल प्लाजा पर इसका इस्तेमाल 99 प्रतिशत तक होता है. एक अनुमान के मुताबिक, फास्टैग प्रतिवर्ष ईंधन पर लगभग 20,000 करोड़ रुपये की बचत करेगा, जिससे कीमती विदेशी मुद्रा की बचत होगी और पर्यावरण की भी मदद होगी. राजमार्ग का उपयोग करने वालों द्वारा फास्टैग अपनाने से और इसकी निरंतर वृद्धि से सभी राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क प्लाजा पर प्रतीक्षा समय में काफी कमी आई है.
आपको बता दें कि मई में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने देशभर में टोल नाकों पर वाहनों का प्रतीक्षा समय कम करने को लेकर टोल प्लाजों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किये है. इसमें कहा गया है कि प्रत्येक वाहन को 10 सैकिंड में सेवा दे दी जानी चाहिए. राजमार्ग पर वाहनों के दबाव के शीर्ष समय में भी यह समयसीमा अपनाई जानी चाहिए ताकि वाहनों को कतार में कम से कम समय प्रतीक्षा करनी पड़े.
इसके साथ ही NHAI ने यह भी कहा था कि नए निर्देशों में टोल प्लाजा पर वाहनों की 100 मीटर से अधिक कतार नहीं लगने को लेकर यातायात के सुचारु प्रवाह को भी सुनिश्चित किया जाएगा. ऐसे में यदि कतार 100 मीटर से अधिक होती है तो, उस स्थिति में सभी वाहनों को बिना टोल दिए जाने की अनुमति होगी जब तक टोल नाके से वाहनों की कतार वापस 100 मीटर की नहीं हो जाती है.
NHAI ने कहा था कि सभी टोल नाको पर 100 मीटर की दूरी का पता लगाने के लिए पीले रंग से एक लकीर बनाई जाएगी.यह कदम टोल प्लाजा ऑपरेटरों में जवाबदेही की एक और भावना पैदा करने के लिए है.

Next Story