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Farmers of Bihar : नहीं चुका पा रहे किसान क्रेडिट कार्ड पर लिया लोन

Rani Sahu
24 Jun 2021 8:16 AM GMT
Farmers of Bihar : नहीं चुका पा रहे किसान क्रेडिट कार्ड पर लिया लोन
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बिहार के किसान प्रकृति की मार से बेहाल हैं

बिहार के किसान प्रकृति की मार से बेहाल हैं. स्थिति इतनी विकट हो गई है कि लोन के पैसे भी अदा करने में असमर्थ हैं. बरसात के मौसम में किसान बाढ़ से त्रस्त हो जाते हैं और गर्मी के मौसम में सुखाड़ की समस्या उनके लिए अभिशाप बन जाती है. अगर किसी तरह कुछ उपज हो भी गई तो उन्हें सरकारी खरीद केंद्र पर बेचने में पसीने छूट जाते हैं. सरकारी उदासीनता, बाढ़ और सुखाड़ ने बिहार के किसानों की कमर तोड़ दी है.

दैनिक समाचार पत्र हिन्दुस्तान की खबर के मुताबिक, बाढ़ और सुखाड़ के कारण बिहार के 30 प्रतिशत किसान, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) से लिया लोन नहीं चुका पा रहे हैं. स्थिति यह है कि बैंकों ने 7513 करोड़ रुपए की राशि को नॉन परफॉर्मिंग असेट (NPA) घोषित कर दिया है.
11 लाख से अधिक किसानों को दिए गए लोन हुए NPA
स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (SLBC) के मुताबिक, KCC के जरिए 11 लाख 52 हजार 866 किसानों को दिए गए लोन एनपीए हो गए हैं. एसएलबीसी ने बताया है कि राज्य में कुल 37 लाख 56 हजार 290 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 24 हजार 695 करोड़ रुपए लोन दिया गया था. इनमें से 1 लाख 15 हजार 286 किसानों के खाते भी बंद हो गए हैं.
किसानों का कहना है कि हर साल आने वाली बाढ़ के कारण एक बड़े क्षेत्र में कुछ उत्पादन ही नहीं हो पाता है. बाढ़ से निजात मिलता है तो सुखाड़ की स्थिति आ जाती है. अगर ट्यूबवेल के जरिए किसान कुछ उगाते हैं तो उन्हें सरकारी खरीद केंद्रों पर बेचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. किसानों का आरोप है कि खरीद केंद्रों पर पैक्स का कब्जा है. आम किसान के लिए अपने उत्पाद बेचना बड़ी चुनौती है.
जंगली जानवरों से भी परेशान हैं बिहार के किसान
बिहार में नीतीश कुमार की सत्ता में वापसी के बाद 2006 में ही एपीएमसी एक्ट को खत्म कर दिया गया था. यहीं वजह है कि बिहार के किसान व्यापारियों को खुले बाजार में औने-पौने दाम पर फसल बेचने को मजबूर हैं. हालांकि राज्य में अब सरकारी खरीद का दायरा बढ़ाया जा रहा है, लेकिन अभी भी काफी कम किसानों को इसका फायदा मिल रहा है.
बाढ़ और सुखाड़ के बाद किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या नीलगाय हैं. काफी मेहनत कर के फसल उगाने के बाद नीलगायों का झुंड इन्हें साफ कर देता है. बिहार के किसानों पर चौतरफा मार पड़ रही है. यहीं कारण है कि वे लोन भी चुका पाने की स्थिति में नहीं हैं. अब किसान केंद्र और राज्य सरकार की तरफ मदद की आस में देख रहे हैं.


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