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जैविक खेती से डबल आमदनी
एक समय था जब वैज्ञानिकों ने बढ़ती जनसंख्या को भोजन की जरुरतों को पूरी कराने के लिए रसायनों (Agricultural Chemicals) के इस्तेमाल पर जोर दिया. वहीं, अब कम इस्तेमाल की सलाह दे रहे हैं. कृषि वैज्ञानिकों (Scientist) का कहना है कि कृषि रसायनों का उपयोग अंतिम विकल्प के रूप में किया जाना चाहिए. उनका कहना है कि इनका इस्तेमाल इतना ज्यादा न हो…जिससे जमीन का उपजाउ पन कम हो जाए. ज्यादा केमिकल एग्री प्रोडक्ट को विषैला बना देते है. जिससे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी हो रही है. डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर,के एसोसिएट डायरेक्टर रिसर्च डॉ. एसके सिंह ने TV9 हिंदी को बताया कि जैविक खेती में कंपोस्ट खाद, बर्मी कंपोस्ट खाद, हरी खाद का इस्तेमाल होता है.इससे किसानों का खर्च कम हो जाता है और आमदनी डबल हो जाती है. फसल चक्र और रोपण जैसी तकनीकों पर जोर दिया जाता है. इस कृषि का विकास 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में हुआ था. प्रमाणित जैविक खेती विश्व स्तर पर 70 मिलियन हेक्टेयर में हो रही है, जिसमें से आधे से अधिक हिस्सा ऑस्ट्रेलिया का है. विभिन्न संगठनों द्वारा आज भी जैविक खेती पर अनुसंधान जारी है.
आइए जानतें है इसके बारे में…
जीरो बजट प्राकृतिक खेती करने का एक तरीका है जिसमें बिना किसी लागत के खेती की जाती है. कुल मिलाकर कहें तो यह पूरी तरह से प्राकृतिक खेती है. जीरो बजट प्राकृतिक खेती बाहर से किसी भी उत्पाद का कृषि में निवेश को खारिज करता है. जीरो बजट प्राकृतिक खेती में देशी गाय के गोबर एवं गौमूत्र का उपयोग करते हैं.इस प्रकार की खेती में जैविक कीट नियंत्रण, मिश्रित फसल और कीट शिकारियों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
इसमें सिंथेटिक पदार्थों को प्रतिबंधित या सख्ती से सीमित करते हुए प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थों के उपयोग की अनुमति दिया गया है.उदाहरण के लिए, पाइरेथ्रिन pyrethrin और रोटेनोन जैसे प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले कीटनाशकों की अनुमति है, जबकि सिंथेटिक उर्वरक synthetic fertilizer और कीटनाशक पर रोक है.
जिन सिंथेटिक पदार्थों की अनुमति है उनमें शामिल हैं, कॉपर सल्फेट, मौलिक सल्फर और वर्मिमेक्टिन (Vermectin). पशुपालन में आनुवंशिक रूप से संशोधित जीव, नैनोमटेरियल्स nanomaterials, मानव सीवेज कीचड़ human sewage sludge, पौधों के विकास नियामकों, हार्मोन और एंटीबायोटिक (Hormones and antibiotics) का उपयोग नही करना है.
जैविक खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए आवश्यक है की किसान अधिक से अधिक जानवर पाले, घर एवं पशुशाला से निकलने वाले कचरे से कंपोस्ट खाद बनाई जाय, वर्मी कंपोस्ट बनाने की वैज्ञानिक विधि आनी चाहिए.
दो फसलों के बीच के समय में हरी खाद उगाना चाहिए,रोग एवं कीटों के प्रबंधन हेतु रसायनों के प्रयोग से बचना चाहिए. जैविक रोग एवं कीट नाशको के माध्यम रोग एवं कीट के प्रबंधन पर जोर देना चाहिए. साफ सुथरी खेती को बढ़ावा देना चाहिए.
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