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किसान और व्यापारी हो रहे मालामाल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ी भारतीय केसर की कीमत

Gulabi
18 Sep 2021 5:43 AM GMT
किसान और व्यापारी हो रहे मालामाल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ी भारतीय केसर की कीमत
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अफगानिस्तान में तालिबान संकट के बाद भारत से निर्यात होने वाले केसर की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में आसमान छू रही है

अफगानिस्तान में तालिबान संकट के बाद भारत से निर्यात होने वाले केसर की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में आसमान छू रही है. जिस केसर की कीमत कुछ महीने पहले तक 1.4 लाख रुपए प्रति किलो तक थी, वह अब 2.25 लाख रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है. अफगानिस्तान भारत, ईरान के बाद केसर उत्पादन और निर्यात के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश है.

भारत में केसर की खेती केसर जम्मू और कश्मीर के चार जिलों- पुलवामा, बडगाम, श्रीनगर और किश्तवाड़ में होती है. पुलवामा जिले का पंपोर ने सबसे अच्छी गुणवत्ता वाला केसर उगाने के लिए जाना जाता है. कश्मीर घाटी 12 मीट्रिक टन केसर का उत्पादन करती है, जिसका उपयोग भोजन, इत्र, रंगों और दवाओं आदि के लिए किया जाता है.
2.25 लाख रुपए प्रति किलोग्राम पहुंची कीमत
भारतीय केसर अमेरिका, बेल्जियम, न्यूजीलैंड, कनाडा और खाड़ी देशों में सबसे ज्यादा निर्यात होता है. जिला पुलवामा के पंपोर में रहने वाले केसर के किसान और व्यापारी जूनैद रीगो ने टीवी 9 हिंदी को बताया कि केसर की कीमत 2.25 लाख रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुकी है. कीमत बढ़ती ही जा रही है. अगर अफगानिस्तान में हालात जल्द नहीं बदले और वहां निर्यात शुरू नहीं हुआ तो कीमत और बढ़ सकती है. बतौर व्यापारी और किसान हम तो फायदे में हैं.
पैदावार भी बढ़ी
जम्मू-कश्मीर में केसर की पैदावार भी पिछले सालों में काफी बढ़ी है. जुनैद कहते हैं कि इसमें राष्ट्रीय केसर मिशन महती भूमिका है. पहले प्रति हेक्टेयर लगभग 1.8 किलोग्राम केसर ही निकलता था जो अब बढ़कर लगभग 4.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर पहुंच गया है. कश्मीर घाटी के केसर और सूखे मेवे घाटी में उत्पादित केसर का केवल 10% घरेलू बाजार में उपयोग किया जाता है. घरेलू मांग को ईरान और अफगानिस्तान से केसर के जरिए पूरा किया जाता है.
अफगानिस्तान केसर की खेती में लगातार आगे बढ़ रहा है. वहां 2010 से केसर की खेती हो रही है और यह देश भारत और ईरान के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. तालिबान शासन के बाद केसर सहित कई दूसरे उत्पादों का निर्यात रोक दिया गया है.
भारत में जम्मू-कश्मीर सबसे बड़ा उत्पादक राज्य
लाल सोना के नाम से मशहूर केसर की खेती मई में शुरू होती है और अक्टूबर तक फसल पककर तैयार हो जाती है. भारत में लगभग 5,000 हेक्टेयर में इसकी खेती होती है. जम्मू-कश्मीर कृषि विभाग के अनुसार प्रदेश में औसतन 17 मिट्रिक टन (170 क्विंटल) केसर की पैदावार हर साल होती है. 160,000 फूलों से लगभग एक किलो केसर निकलता है और प्रदेश के 16,000 किसान परिवार इसकी खेती से जुड़े हुए हैं. प्रदेश में इस समय लगभग 3,700 हेक्टेयर क्षेत्र में केसर की खेती हो रही और इससे लगभग 32,000 किसान जुड़े हैं.
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