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किसान ने बंजर जमीन में लायी हरियाली, आज 500 लोगों को दे रहा रोजगार

Shiddhant Shriwas
3 Oct 2021 9:19 AM GMT
किसान ने बंजर जमीन में लायी हरियाली, आज 500 लोगों को दे रहा रोजगार
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संदीप लोहान का फार्म हाउस मंडला जिले के अलावा प्रदेश के दमोह, हरदा, सागर जैसे जिलों प्रसिद्ध हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक मशहूर कहावत है जहां चाह वहा राह. इस कहावत को सच कर दिखाया है छत्तीसगढ़ के एक किसान ने. जिन्होंने अपने जिद से यह साबित कर दिया की अगर इरादे मजबूत हो तो पत्थर पर भी फूल उगाए जा सकते हैं. मंडला जिले के ग्राम सिंगारपुर के युवा और उन्नत किसान संदीप लोहान बंजर जमीन में हरियाली लाकर अपनी इच्छाशक्ति को बता दिया है. संदीप लोहान ने 12 साल पहले खेती बारी के लिए एक ऐसी जगह का चुनाव किया था, जो जमीन बिलकुल उबड़ खाबड़ और बंजर थी. उन्होंने इस जमीन को समतल करके खेती करने का फैसला किया.

150 एकड़ बंजर जमीन में लाया हरयाली
संदीप लोहान की जिद और मेहनत का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि जिस 150 एकड़ उबड़-खाबड़ जमीन को उन्होंने खेती करने के लिए चुना. हालांकि उनके जमीन चयन पर कृषि विशेषज्ञों समेत कई लोगों सवाल भी किया. पर संदीप लोहान ने हिम्मत नहीं हारी और उसी जमीन पर आज 500 से अधिक लोगों को रोजगार . साथ ही अपने उत्पाद विदेशों तक सप्लाइ हो गये हैं. संदीप फिलहाव टमाटर, हरी मिर्च और शिमला मिर्च को देश-विदेश में भेजकर करोड़ों की कमाई कर रहे हैं।
सब्जियों के अलावा फल की खेती
वेबसाइट कृषक जगत के मुताबिक संदीप के बताते है कि उनके फार्म में सब्जियं के आलाव सेब के भी 26 पेड़ लगे हुए जिनमें 2019 -20 में थोड़े फल लगे पर इस बार 2021 में एक पेड़ पर करीब 300-400 किलों फल का उत्पादन मिला. फार्म हाऊस की पथरीली जमीन पर अब टमाटर 80-100 टन प्रति एकड़, शिमला मिर्च 70 टन/एकड़, हरी मिर्च 40 टन/एकड़,करेला 15 टन/ एकड़ और लौकी 40 टन/ एकड़ उत्पादन होता है. इसके अलावा इनके बगीचे में निम्बू, एलोवेरा आदि भी लगे हुए हैं. पॉली हाउस की नर्सरी में खुद ही पौधे तैयार करते हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने प्रयोग के तौर पर बिना मल्चिंग के पथरीली जमीन पर बैंगन भी लगाए हैं.
किसानों को देते हैं उन्नत तकनीक की जानकारी
संदीप लोहान का फार्म हाउस मंडला जिले के अलावा प्रदेश के दमोह, हरदा, सागर जैसे जिलों प्रसिद्ध हैं. इन जगहों पर जाकर वो सरकारी और गैर सरकारी संगठन, एनजीओ आकर खेती की तकनीक जानते हैं और सलाह लेते हैं. उनके फार्म हाऊस पर 500 से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है. इससे मजदूरों के साथ -साथ इन्हें भी आत्मिक ख़ुशी मिलती है. संदीप लोहान की कमाई का एक बड़ा हिस्सा उद्यानिकी फसलों से आता है. उन्हें बेचकर वो प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये की कमाई करने वाले. लॉक डाउन के दौरान मंडला और डिंडोरी जिलों के 5 हजार जरूरतमंद परिवारों को रोजाना मुफ्त सब्जी देकर मानवता की मिसाल पेश की है, सब्जियों की तुड़ाई का व्यय भी इन्होंने स्वयं वहन किया. उनके इस सेवाभाव की सभी ने सराहना की.
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