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नई दिल्ली। उच्च मूल्यांकन और नीतिगत दरों के आगामी संकेतकों के कारण सोमवार से शुरू हो रहे सप्ताह में शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के आसार हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है और मुद्रास्फीति नियंत्रण की पुष्टि करने वाले अन्य सबूतों की प्रतीक्षा करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह अमेरिकी पेरोल डेटा और अमेरिका, चीन तथा भारत से मुद्रास्फीति के नये आँकड़े जारी होने से निवेशकों को वैश्विक व्यापक आर्थिक दृष्टिकोण के बारे में जानकारी मिलेगी।
वैश्विक बाजार से मिले-जुले संकेतों के बीच घरेलू बाजार में सीमित दायरे में कारोबार हुआ, लेकिन सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस पर सकारात्मक रुख रहा। नायर ने कहा कि फेड की ओर से दर में कटौती की उम्मीद और अमेरिकी बॉन्ड पर ब्याज दर में गिरावट ने तर्कसंगत निवेशकों को इक्विटी की ओर रुख करने के लिए प्रेरित किया, जिससे बाजार को बल मिला।
एक बेहतर व्यापक आर्थिक आख्यान ने बैंकिंग शेयरों का समर्थन किया, जबकि वैश्विक बाजार में अनिश्चितताओं के कारण आईटी क्षेत्र दबाव में रहा। फेम-II योजना के विस्तार और यात्री वाहनों के लिए उच्च मांग के पूर्वानुमान के कारण ऑटो शेयरों में भारी खरीददारी हुई। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए उम्मीद से अधिक तेज आर्थिक वृद्धि ने धातु और पूंजीगत वस्तुओं के समूहों के शेयरों के लिए भावनाओं को बढ़ावा दिया, जिसके परिणामस्वरूप संबंधित क्षेत्रों के सूचकांकों में तेजी आई। उन्होंने कहा कि हालांकि, ओवरवैल्यूएशन के कारण छोटी और मझौली कंपनियों के शेयरों में नरमी रही, मुनाफावसूली हुई और लार्ज-कैप शेयरों की मांग बढ़ गई।
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