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लागत बढ़ने से रोजमर्रा के सामान होंगे महंगे

Teja
20 March 2022 9:23 AM GMT
लागत बढ़ने से रोजमर्रा के सामान होंगे महंगे
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उपभोक्ताओं को रोजमर्रा के सामानों के लिए जेब ढीली करनी पड़ सकती है, क्योंकि एफएमसीजी कंपनियां (FMCG Companies) कीमतों में बढ़ोतरी के एक और दौर पर विचार कर रही हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | उपभोक्ताओं को रोजमर्रा के सामानों के लिए जेब ढीली करनी पड़ सकती है, क्योंकि एफएमसीजी कंपनियां (FMCG Companies) कीमतों में बढ़ोतरी के एक और दौर पर विचार कर रही हैं. गेहूं (Wheat), पाम तेल (Palm Oil) और पैकेजिंग सामग्री (Packaging Materials) जैसे कमोडिटीज के बढ़े भाव को कम करने लिए कंपनियां रोजमर्रा के सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं. गेहूं, पाम तेल और पैकेजिंग सामान जैसे जिंसों के दामों में उछाल की वजह से एफएमसीजी कंपनियां अपने उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी की तैयारी कर रही हैं. इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) की वजह से भी एफएमसीजी कंपनियों को झटका लगा है. उनका मानना है कि इसके चलते, गेहूं, खाद्य तेल और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आएगा.

डाबर और पार्ले जैसी कंपनियां स्थिति पर नजर रख रही हैं और मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने के लिए कीमतों में मामूली बढ़ोतरी करेंगी. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एचयूएल (HUL) और नेस्ले (Nestle) जैसे निर्माताओं ने पिछले हफ्ते खाद्य उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी की है.
10 से 15 फीसदी तक बढ़ सकते हैं दाम
पारले प्रोडक्ट्स के सीनियर कैटेगरी हेड मयंक शाह ने पीटीआई से कहा, हम उद्योग द्वारा 10-15 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं. शाह ने आगे कहा कि कीमतों में उच्च उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है और इसलिए कीमत की अस्थिरता के कारण सटीक वृद्धि के बारे में बताना मुश्किल होगा.
पाम तेल की कीमत बढ़कर 180 रुपये प्रति लीटर हो गई थी और अब घटकर 150 रुपये प्रति लीटर हो गई है. उन्होंने कहा कि इसी तरह कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतें 140 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थीं और अब 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई हैं. हालांकि यह अभी भी पहले की तुलना में अधिक है. शाह ने कहा, कंपनियां कीमतों में बढ़ोतरी करने में भी संकोच कर रही हैं क्योंकि कोविड-19 (COVID-19) ​​​​के बाद मांग रिवाइव हो रही थी और वे इसके साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहते थे.
पिछली बार, निर्माताओं ने प्रभाव को पूरी तरह से कम करने के लिए कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की थी और इसका कुछ हिस्सा ऑब्जर्व कर लिया था. उन्होंने कहा, हर कोई इस समय कीमतों में 10-15 फीसदी की बढ़ोतरी की बात कर रहा है, हालांकि लागत इससे कहीं ज्यादा हो गई है.
यह पूछे जाने पर कि क्या पारले भी बढ़ोतरी करेगा? शाह ने कहा कि अभी उसके पास पैकेजिंग सामग्री और अन्य स्टॉक का पर्याप्त भंडार है. कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला एक या दो माह में लिया जाएगा.
डाबर इंडिया भी बढ़ाएगी कीमतें
इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए डाबर इंडिया (Dabur India) के मुख्य वित्तीय अधिकारी अंकुश जैन ने कहा कि मुद्रास्फीति बेरोकटोक बनी हुई है और यह लगातार दूसरे वर्ष चिंता का विषय है. मुद्रास्फीतिक दबाव की वजह से उपभोक्ताओं ने अपना खर्च कम किया है. वे छोटे पैक खरीद रहे हैं. हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने के लिए कीमतों में मामूली बढ़ोतरी की जाएगी.
HUL और नेस्ले ने बढ़ाए दाम
एचयूएल ने इसी हफ्ते अपने कई प्रोडक्टस के दाम बढ़ाए हैं. 14 मार्च से ब्रू कॉफी की कीमत में 3 से 7 प्रतिशत की बढ़त की गई है. वहीं ब्रू गोल्ड कॉफी जार की कीमतें 3 से 4 प्रतिशत तक बढ़ी हैं. इसके साथ ही इंस्टेंट कॉफी पाउच के दाम भी 7 प्रतिशत तक बढ़ाये गये हैं. वहीं ताजमहल चाय की कीमत में 3.7 प्रतिशत से लेकर 5.8 प्रतिशत तक की बढ़त की गई है. ब्रुक बॉन्ड की सभी तरह की चाय की कीमत 1.5 प्रतिशत से लेकर 14 प्रतिशत तक बढ़ी हैं.


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