व्यापार

गिरावट के बाद भी युवाओं को क्रिप्टोकरंसी पर भरोसा

Apurva Srivastav
31 May 2021 9:48 AM GMT
गिरावट के बाद भी युवाओं को क्रिप्टोकरंसी पर भरोसा
x
भारत में क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) की राह बहुत मुश्किल है

भारत में क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) की राह बहुत मुश्किल है. बिटकॉइन, इथीरियम, पोलीगॉन या डोजकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी न तो वैध है और न ही उसे अवैधा माना जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इसके इस्तेमाल को हरी झंडी दी है, लेकिन रिजर्व बैंक इसे वैध बनाने को तैयार नहीं है. ऐसे में भारत में क्रिप्टोकरंसी का बाजार अधर में लटका है. cryptocurrency में निवेश की जहां तक बात है तो भारत किसी भी अन्य देश से पीछे नहीं है. यहां कई निवेशक ऐसे हैं जिन्होंने दुनिया में नाम कमाया और क्रिप्टो की दुनिया में परचम लहरा दिया.

एक आंकड़े पर गौर करें तो भारत में 15,000 करोड़ रुपये क्रिप्टोकरंसी पर लगा है. निवेश करने वालों की तादाद 1.5 करोड़ के आसपास है. साइबर करेंसी में पैसा लगाने वाले इन 1.5 करोड़ लोगों में ज्यादातर युवा हैं. सरकार जब तक क्रिप्टोकरंसी को हरी झंडी नहीं दे देती, तब तक इन निवेशकों में बिजनेस का भरोसा नहीं आएगा. हमेशा एक डर बना रहेगा कि क्या पता कल होके क्रिप्टो को मंजूरी न मिले और जो धंधा अभी चल रहा है, वह भी चौपट हो जाए. मगर इनमें कई युवा निवेशक ऐसे हैं जिन्हें भरोसा है कि क्रिप्टो के बाजार में 100 फीसद खरा उतरेंगे और उनका धंधा टकाटक चमकेगा.
युवाओं की पसंद
इनमें एक हैं मीत शाह जो 15 साल की उम्र से क्रिप्टो की खरीद-बिक्री करते हैं. 2012 में जब लोग कम ही क्रिप्टो के बारे में जानते थे, मीत शाह तब क्रिप्टो कॉइन के साथ खेलना शुरू कर चुके थे. देश के सबसे पुराने एक्सचेंज जेबपे में उन्होंने 300 रुपये लगाकर बिटकॉइन (bitcoin) की खरीदारी की. 300 रुपये लगाकर मीत शाह आज 65,000 रुपये से ज्यादा का निवेश कर चुके हैं. उनका मानना है कि कोई भी क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) इतने कम दिन में ऐसा रिटर्न नहीं दे सकती.
शाह बताते हैं कि उन्होंने खेल-खेल में बिटकॉइन खरीद लिया था, लेकिन आज यह बात नहीं है. तब बिटकॉइन अभी स्टार्ट ही हुआ था. शाह जैसे कई लोग हैं जिन्होंने बेमन या मजाक में बिटकॉइन, इथीरियम और लोटकॉइन जैसी साइबर करंसी खरीद ली हो. आज जिस तेजी से इन क्रिप्टोकरंसी के दाम बढ़ रहे हैं, इसका अंदाजा लगाना उनके लिए भी मुश्किल है.
बिटकॉइन के धंधे में तेजी
बिटकॉइन (bitcoin) मई 2016 में 523 डॉलर का था जो अब 35 हजार डॉलर पर है. अभी कुछ दिन पहले 65 हजार डॉलर पर गया था, लेकिन चीन में पांबदी और एलॉन मस्क के ट्वीट ने इसका बेड़ागर्क कर दिया. फिर भी 2016 की तुलना में यह बहुत आगे है. क्रिप्टोकरंसी की इस तेजी को देश के युवाओं ने पकड़ा और आज वे अच्छा लाभ कमा रहे हैं.
युवाओं की बात सुनें तो पता चलेगा कि जैसे लॉटरी में लोग पैसा लगाते थे, आज युवा क्रिप्टो में पैसा लगाते हैं. उनका मानना है कि रिटर्न आए तो ठीक नहीं तो पैसा डूबने वाला नहीं है. भारत में आज 70 परसेंट निवेशक 30 साल से नीचे के हैं. ये युवा ऐसे हैं जो अपने को स्टॉक मार्कट में नहीं खपा सकते. उनका मानना है कि स्टॉक की जानकारी नहीं, एनालिसिस भी नहीं कर सकते और रिसर्च की बात तो दूर है. ब्रोकर बनकर निवेश करना तो और भी टेढ़ी खीर है.
स्टॉक में पैसे लगाना मुश्किल
स्टॉक और फंड की तुलना में इन युवाओं को क्रिप्टो एक्सचेंज में पैसे लगाना ज्यादा सुविधाजनक लगता है. भारत के युवा क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) के लिए जेबपे, वजीरएक्स, बिनेंस, कॉइनबेस और क्रैकेन के जरिये पैसा लगाते हैं. युवाओं को ये एक्सचेंज आसान और ओपन सोर्स होने के चलते निवेश के लिए सही लगते हैं. इस बीच इंटरनेट कंप्यूटर नाम की नई क्रिप्टोकरंसी आ गई जिसने पूरे बाजार को बदल कर रख दिया. इंटरनेट कंप्यूटर ने क्रिप्टो की बड़ी-बड़ी कंपनियों को चुनौती दे दी है. यह कंपनी अब लोगों को खुद की क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) माइनिंग करने और उसे बेचकर कमाने का मौका दिया है. इसका नया आइडिया लोगों को इतना पसंद आया कि रातों रात कंपनी 45 अरब डॉलर पर पहुंच गई.
इथीरियम और इथर में फर्क
इन सबके बीच इथीरियम (ethereum) का उदाहरण सबसे चौंकाने वाला है. इथीरियम ब्लॉकचेन का नाम है जबकि उसकी डिजिटल करंसी इथर है. आज की तारीख में इथीरियम अपने ब्लॉकचेन से ज्यादा कमाई करती है न कि इथर से. इथीरियम ब्लॉकचेन पर नॉन फंजीबल टोकन का बिजनेस भी होता है. इथीरियम आज लोगों को एक साथ कई तरह का धंधा करने का विकल्प दे रहा है. इन सबके बावजूद क्रिप्टोकरंसी का धंधा अभी बहुत ज्यादा खुला और बिना डर का नहीं है. जानकार मानते हैं कि इसमें पैसा लगाएं लेकिन सावधानी के साथ.
अब क्रिप्टो ब्लॉकचेन बनाने का काम जोरों पर है जिससे क्रिप्टोकरंसी में बाढ़ वाली स्थिति आ गई है. लोगों को पता नहीं चल रहा कि किसमें पैसा लगाना सही है और किसमें नहीं. इससे भी क्रिप्टोकरंसी का बाजार मंदा पड़ रहा है. जानकार बताते हैं कि जब तक क्रिप्टोकरंसी बैध न हो जाए, तब तक फूंक-फूंक कर कदम रखने की जरूरत है.


Next Story