पपीते का दाम फिक्स होने के बाद भी अभी तक उसे अमल में नही लाया गया
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पपीते का रकबा खानदेश में ज्यादा है. हालांकि, अनिश्चित दरों के कारण पपीते की खेती (Papaya Farming) का क्षेत्र समय के साथ घट रहा है.नंदुरबार जिले में शाहदा कृषि उपज मंडी समिति (Shahada Agricultural Produce Market Committee)द्वारा पपीते के रेट तय किए गए थे. इसलिए किसानों को विश्वास था कि दर कम होने के बावजूद, स्थायी दर फसल की उचित योजना बनाने में मदद करेगी. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. इसे लागू नहीं किया जा रहा है. बैठक में तय की गई दर वास्तव में बाजार समिति को नहीं दी जाती है. खरीदार मनमाने ढंग से इन दरों को निर्धारित करते हैं ताकि किसानों (Farmers) को अतिरिक्त आय न हो बल्कि खर्च भी मिले पिछले दो महीने से रेट लगातार गिर रहे हैं.इसलिए किसानों (farmer)का कहना है कि कटाई सस्ती नहीं है. और लागत भी नही निकल पता हैं नतीजतन, पपीते का क्षेत्रफल दिन-ब-दिन कम होता जा रहा है.नंदुरबार जिले में शाहदा कृषि उपज मंडी समिति द्वारा दर 4 रुपये से 75 पैसे मूल रूप से निर्धारित की गई थी.