इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने शनिवार को कहा कि चीनी मोबाइल निर्माण कंपनी Xiaomi India के 5,551 करोड़ रुपये से अधिक के फंड को भारतीय विदेशी मुद्रा कानून के उल्लंघन के लिए "जब्त" किया गया है। Xiaomi Technology India Private Limited के खिलाफ कार्रवाई की गई है। कंपनी (जिसे Xiaomi India भी कहा जाता है) Mi के ब्रांड नाम के तहत देश में मोबाइल फोन का एक व्यापारी और वितरक है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि Xiaomi India चीन स्थित Xiaomi समूह की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। कंपनी के बैंक खातों में पड़ी 5,551.27 करोड़ रुपये की राशि को इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने जब्त कर लिया है।फरवरी में चीनी फर्म द्वारा विदेश भेजे गए कथित "अवैध प्रेषण" के संबंध में कंपनी के खिलाफ संघीय एजेंसी द्वारा जांच शुरू किए जाने के बाद विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) की संबंधित धाराओं के तहत इन राशि की जप्ती गई है।
Xiaomi ने 2014 में भारत में अपने ऑपरेशंस शुरू किए और अगले साल से पैसा भेजना शुरू कर दिया। ईडी ने कहा कि कंपनी ने रॉयल्टी की आड़ में 5,551.27 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा तीन विदेशी संस्थाओं को भेजी है, जिसमें एक Xiaomi समूह की इकाई भी शामिल है। Xiaomi के ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट मनु कुमार जैन को ED ने बुलाया और यह आरोप लगाया कि तलब रॉयल्टी के नाम पर इतनी बड़ी राशि उनके चीनी "मूल समूह" संस्थाओं के निर्देश पर प्रेषित की गई थी। ईडी ने कहा कि अन्य दो यूएस-आधारित असंबंधित संस्थाओं को भेजी गई राशि भी Xiaomi समूह की संस्थाओं के अंतिम लाभ के लिए थी।
इन्होंने यह कहा कि Xiaomi India, भारत में निर्माताओं से पूरी तरह से निर्मित मोबाइल सेट और अन्य उत्पाद खरीदता है, लेकिन उसने इन तीन विदेशी आधारित संस्थाओं से कोई सेवा नहीं ली है, जिन्हें इतनी राशि ट्रांसफर की गई है। इसके अलावा समूह की संस्थाओं के बीच बनाए गए विभिन्न असंबंधित दस्तावेजी पहलुओं की आड़ में, कंपनी ने विदेशों में रॉयल्टी की आड़ में इस राशि को प्रेषित किया, जो फेमा की धारा 4 का उल्लंघन है।