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बिना TDS जमा किए एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड से पैसे निकाल सकते हैं, जानें Tax के नियम
Bhumika Sahu
7 March 2022 2:00 AM GMT
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1 अप्रैल से प्रोविडेंट फंड पर टैक्स को लेकर नया नियम लागू हो रहा है. नए नियम के तहत 2.5 लाख रुपए से ज्यादा पीएफ में जमा करने पर इंट्रेस्ट पर भी टैक्स लगेगा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड (Employees Provident Fund) एक रिटायरमेंट स्कीम है. 60 साल की उम्र में रिटायर हो जाने पर इससे पैसे निकाले जाते हैं. हालांकि, समय से पहले भी निकासी की सुविधा मिलती है. ईपीएफ (EPF) से निकासी को लेकर टैक्स के अलग-अलग नियम हैं. आइए जानते हैं कि प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) से कब निकासी करने पर टैक्स लगता है, कितने समय बाद टैक्स नहीं लगता है और अगर टैक्स लगता है तो क्या यह टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) के रूप में लगता है. 1 अप्रैल से प्रोविडेंट फंड पर टैक्स को लेकर नया नियम लागू हो रहा है. नए नियम के तहत 2.5 लाख रुपए से ज्यादा पीएफ में जमा करने पर इंट्रेस्ट पर भी टैक्स लगेगा.
चालू वित्त वर्ष में एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड पर 8.5 फीसदी का इंट्रेस्ट रेट मिल रहा है. यह EEE यानी एग्जेम्प्ट, एग्जेम्प्ट, एग्जेम्प्ट कैटिगरी मे आता है. प्रोविडेंट फंड में जमा करने पर सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन लाभ मिलता है. सालाना इंट्रेस्ट टैक्स फ्री है और मैच्योरिटी भी टैक्स फ्री होता है.
जानिए टैक्स को लेकर नियम
अगर EPF से पांच साल से पहले निकालते हैं तो निकासी पर टैक्स लगता है. पांच सालों की लगातार सर्विस के बाद निकासी करने पर टैक्स नहीं लगता है. पीएफ फंड से निकासी करने पर TDS यानी टैक्स डिडक्शन एट सोर्स काट लिया जाता है.
टैक्स के लिए 5 साल की अवधि महत्वपूर्ण है. ऐसे में अगर आप किसी कंपनी में 1 साल के लिए ट्रेनिंग कर रहे थे, जिस दौरान आप कंपनी के परमानेंट पेरोल पर नहीं थी. बाकी के चार साल आप कंपनी के पेरोल पर एंप्लॉयी के रूप में काम करते हैं. ऐसे मामलों में अगर निकासी की जाती है तो एंप्लॉयर TDS काट लेगा. ऐसे मामलों में कंपनी के परमानेंट पेरोल पर पांच साल की अवधि को ही पूरा माना जाता है.
पांच साल से पहले अगर 50 हजार से कम निकासी करते हैं तो TDS नहीं कटेगा. हालांकि, इनकम टैक्स रिटर्न में इसकी जानकारी भरनी होगी. अगर 50 हजार से ज्यादा निकासी की जाती है तो PAN अपडेट होने पर 10 फीसदी का टीडीएस कटेगा. पैन कार्ड अपडेट नहीं रहने पर 30 फीसदी का टीडीएस काटा जाएगा. फॉर्म 15G/15H जमा करने पर टीटीएस नहीं कटेगा. पांच सालों के बाद निकासी करने पर कोई टैक्स नहीं करता है. पांच सालों के बाद निकासी करने पर उसे इनकम टैक्स रिटर्न में बताना भी जरूरी नहीं है.
कुछ स्पेशल हालात में पांच साल से पहले निकासी करने पर भी टीडीएस नहीं काटा जाता है. अगर एंप्लॉयी की तबीयत खराब हो जाती है या फिर एंप्लॉयर का बिजनेस बंद हो जाता है तो निकासी पर किसी तरह का टीडीएस नहीं कटता है.
EPF में तीन प्रमुख हिस्सा होता है. पहला एंप्लॉयी का योगदान, दूसरे एंप्लॉयी के योगदान पर मिलने वाला इंट्रेस्ट और तीसरा एंप्लॉयर का योगदान और इसपर मिलने वाला इंट्रेस्ट.
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