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नौकरीपेशा को मिल सकती है बजट में बड़ी सौगात, जानिए

Bhumika Sahu
22 Jan 2022 4:49 AM GMT
नौकरीपेशा को मिल सकती है बजट में बड़ी सौगात, जानिए
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Budget expectations 2022 बजट से पहले केपीएमजी द्वारा किये गए सर्वेक्षण में 36 प्रतिशत लोगों का मानना है कि 80 सी कटौती के तहत कटौती की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाया जा सकता है ।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्यादातर लोगों का मानना है कि वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट में आयकर छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाया जा सकता है। केपीएमजी इंडिया के एक सर्वे में यह राय उभरकर सामने आई है। आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा।

80सी कटौती सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाया जा सकता है
बजट से पहले केपीएमजी द्वारा किये गए सर्वेक्षण में 36 प्रतिशत लोगों का मानना है कि 80सी कटौती के तहत कटौती की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाया जा सकता है। वही 19 प्रतिशत का कहना था कि वेतनभोगियों के लिए मानक कटौती की सीमा को मौजूदा के 50,000 रुपये से बढ़ाया जा सकता है।
सर्वेक्षण के अनुसार, 16 प्रतिशत उत्तरदाताओं को उम्मीद है कि बजट में वेतनभोगियों के लिए घर से काम करने की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कर-मुक्त भत्ता/अन्य लाभ दिया जा सकता है। इसमें इंटरनेट कनेक्शन, फर्नीचर और ईयरफोन के लिए प्रावधान किया जा सकता है।
बजट-पूर्व यह सर्वे जनवरी, 2022 में किया गया
केपीएमजी ने बजट-पूर्व यह सर्वे जनवरी, 2022 में किया है। इसमें वित्तीय क्षेत्र से जुड़े लगभग 200 पेशेवरों के विचार लिए गए हैं। सर्वेक्षण में 64 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मूल आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये सालाना से बढ़ाई जाएगी।
हेल्‍थकेयर का ख्‍याल
दूसरी तरफ उद्योग मंडल एसोचैम ने भी हेल्‍थकेयर सेक्‍टर को लेकर एक सर्वेक्षण कराया था। एसोचैम ने कहा कि उसके सर्वेक्षण में 47 प्रतिशत लोगों ने उम्मीद जताई कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर सबसे अधिक ध्यान देंगी। सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME), ऊर्जा और बुनियादी ढांचा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों को भी बजट की प्राथमिकता सूची में रखा है।
MSME पर जोर
28 प्रतिशत ने कहा कि बजट में एमएसएमई के लिए कम लागत पर नवीनतम तकनीकों तक पहुंच को प्रोत्साहित करने के उपाय शामिल होने चाहिए। कंपनियों को और अधिक लोगों को काम पर रखने के प्रोत्साहन से भी मदद मिलेगी। सर्वेक्षण 40 शहरों में विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले 400 लोगों की राय ली गई।


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