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भारतीय गेहूं की मिस्र ने तारीफ की

jantaserishta.com
11 Jun 2022 6:03 AM GMT
भारतीय गेहूं की मिस्र ने तारीफ की
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: मिस्र ने 55,000 टन भारतीय गेहूं (Indian Wheat) की पहली खेप को मंजूरी दे दी है. मिस्र (Egypt) के अलेक्जेंड्रिया बंदरगाह (Alexandria Port) पर पहली खेप पहुंचने के बाद गेहूं की जांच की गई और तय मानकों पर खरा उतरने के बाद हरी झंडी मिली. खबरों के मुताबिक मिस्र ने भारत द्वारा भेजे गए गेहूं की गुणवत्ता की सराहना की. पिछले कुछ दिनों से भारतीय गेहूं को लेकर काफी हंगामा मचा हुआ है. हाल ही में तुर्की (Turkey) ने भारतीय गेहूं की खेप को यह कहकर लौटा दिया था कि इसमें रूबेला वायरस पाया गया है. लेकिन भारत द्वारा भेजी गई गेहूं की पहली खेप को मिस्र ने स्वीकार कर लिया है. साथ ही गेहूं सभी तरह की जांच में सही पाया है.

'द हिंदू बिजनेस लाइन' ने एक निर्यातक (Exporter) के हवाले से लिखा कि गेहूं बेचने के लिए मिस्र सबसे कठिन बाजार है. साथ ही बड़ा बाजार भी है और जिस तरह से मिस्र ने भारतीय गेहूं की पहली खेप को स्वीकार किया है, ये तुर्की के लिए एक जोरदार झटका है, जिसने दो सप्ताह पहले ही भारतीय गेहूं की खेप को लौटा दिया था. निर्यातकों का मानना है कि मिस्र को गेहूं के एक्सपोर्ट से व्यापार के अवसर खुलेंगे.
भारत ने 13 मई को गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित (India Ban Wheat Export) कर दिया था. मगर मिस्र को पहुंची गेहूं की पहली खेप की बिक्री सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने से पहले हुई थी. निर्यात से पहले मिस्र की एक आधिकारिक टीम ने भारत का दौरा कर तमाम तरह की सुविधाओं का जांच की थी. इसके बाद दी डील फाइनल हुई थी. खबरों के मुताबिक मिस्र की ओर से कहा गया कि भारतीय अधिकारियों ने मानकों को पूरा करने वाले गेहूं को भेजने के लिए कड़ी मेहनत की है.
मिस्र के लिए गेहूं को जब जहाज में लोड किया जा रहा था. उसी दौरान सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था. लेकिन लेटर ऑफ क्रेडिट (LC) जारी किया जा चुका था, इसलिए गेहूं की खेप को भेजने में कोई समस्या नहीं थी. भारत मिस्र को इस साल 5 लाख टन गेहूं निर्यात करने पर सहमत हो गया है. भारत सरकार जल्द ही और गेहूं की खेप को निर्यात करने की मंजूरी दे सकती है, क्योंकि एक्सपोर्ट पर लगे प्रतिबंध के बाद बड़ी मात्रा में गेहूं की खेप देश के बंदरगाहों पर फंस गई है. इसे खाली करने के लिए सरकार गेहूं के निर्यात की मंजूरी जल्द ही दे सकती है.
रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia- Ukraine War) की वजह से दुनियाभर में गेहूं की मांग और आपूर्ति का अंतर बिगड़ गया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में यूरोपीय संघ (EU) के गेहूं की कीमत लगभग 43 रुपये प्रति किलो है, जबकि भारतीय गेहूं 26 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है. दोनों के बीच कीमतों में 17 रुपये प्रति किलो का अंतर है. सरकारी आंकड़े के अनुसार, अप्रैल 2021 की तुलना में भारत ने साल पांच गुना अधिक गेहूं का निर्यात किया है.
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