व्यापार

मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर दी मंजूरी, रूस-यूक्रेन जंग में हुआ बड़ा फायदा

Neha Dani
16 April 2022 2:10 AM GMT
मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर दी मंजूरी, रूस-यूक्रेन जंग में हुआ बड़ा फायदा
x
अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे देशों के नए गेहूं बाजार में भी प्रवेश किया है।

यूक्रेन और रूस से गेहूं का सर्वाधिक आयात करने वाले देश मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर मंजूरी दी है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के कारण वैश्विक बाजारों में गेहूं की उपलब्धता में तेजी से गिरावट आई है। ये दोनों ही देश गेहूं के प्रमुख उत्पादक और निर्यातक हैं।

मिस्र ने 2020 में रूस से 1.8 अरब डॉलर का और यूक्रेन से 61.08 करोड़ डॉलर के गेहूं का आयात किया था। अब मिस्र भारत से 10 लाख टन गेहूं का आयात करना चाहता है और अप्रैल में उसे 2,40,000 टन गेहूं की आवश्यकता होगी।
इसकी जानकारी देते हुए पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, ''भारतीय किसान दुनिया का पेट भर रहे हैं। मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर मंजूरी दी है। दुनिया सतत खाद्य आपूर्ति के भरोसेमंद वैकल्पिक स्रोत की खोज में है ऐसे में मोदी सरकार आगे आई है। हमारे किसानों ने भंडारों को भरा रखा और हम दुनिया की सेवा करने के लिए तैयार हैं।''
गेहूं निर्यात में बढ़ोतरी: बता दें कि अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 के बीच भारत का गेहूं निर्यात बढ़कर 1.74 अरब डॉलर का हो गया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 34.017 करोड़ डॉलर था। 2019-20 में गेहूं निर्यात 6.184 करोड़ डॉलर का था जो 2020-21 में बढ़कर 54.967 करोड़ डॉलर हो गया था।
कहां-कहां निर्यात: भारत गेहूं का निर्यात मुख्य रूप से पड़ोसी देशों को करता है जिनमें सर्वाधिक 54 फीसदी निर्यात बांग्लादेश को किया जाता है। भारत ने यमन, अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे देशों के नए गेहूं बाजार में भी प्रवेश किया है।


Next Story