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अंडा और चिकन इस हफ्ते ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से सस्ता हुआ जाने पूरी जानकारी

Teja
5 Jan 2022 12:35 PM GMT
अंडा और चिकन इस हफ्ते ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से सस्ता हुआ जाने पूरी जानकारी
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अंडे और चिकन के दामों में नवंबर अंत से तेजी शुरू हुई थी जो कि 2 जनवरी तक जारी रही. इसके बाद अचनाक दामों में गिरावट आने लगी है. आइए पूरा मामला जानते है.


जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आमतौर पर दिसंबर और जनवरी में अंडे-चिकन की डिमांड काफी रहते है. जिसकी वजह से कीमतों में तेजी बनी रहती है. लेकिन इस साल ऐसा नहीं है. काराबोरियों का कहना है कि 2 जनवरी तक डिमांड अच्छी थी. लेकिन, 3 जनवरी के बाद देश में तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे. कई राज्यों ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. साथ ही, कई राज्यों में कोरोना के नियम कड़े कर दिए गए है. इसका असर अंडे और चिकन की सप्लाई पर पड़ा है. दिल्ली की गाजीपुर मुर्गामंडी में चिकन की कीमतें 25 फीसदी तक घट गई है. वहीं, अंडे के दामों पर भी असर पड़ा है.
दिल्ली के मयूर विहार में अंडे का ठेला लगाने वाले बाबू लाल का कहना है कि कोरोना की वजह से हुई सख्ती के कारण बिक्री में 50 फीसदी की गिरावट आई है. उन्होंने बताया कि पहले वो एक दिन में 600 से 800 अंडे तक बेच देते थे. अब 300 भी नहीं बिक पा रहे है.
थोक बाजार में सस्ता हुआ अंडा
दुकानों पर 200 रुपये तक बिकने वाली 30 अंड़ों की कैरेट के दाम गिरकर 150 रुपये पर आ गए है. थोक बाजार में अंडे के दाम भी गिर गए है. वहीं थोक बाजार में दाम 550 रुपये प्रति सैकड़ा से घटकर 500 रुपये के नीचे चले गए है. खुदरा में उबला अंडा अब 7 रुपये में बिक रहा हैं. पहले ये 8-10 रुपये में मिल रहा था.
देश में सबसे ज्यादा और सबसे कम अंडे के दाम कहां है?
इस समय देश में आंध्र प्रदेश के ईस्ट गोदावरी जिले में सबसे सस्ता अंडा मिल रहा है.यहां 100 अंड़ों की कीमत गिरकर 450 रुपये के नीचे चल गई है.वहीं, अब कोलकाता में 100 अंडे के दाम बढ़कर 550 रुपये के पार पहुंच गई है.
चिकन भी हुआ सस्ता
दिल्ली की सबसे बड़ी मुर्गामंडी गाजीपुर के कारोबारियों ने TV9 डिजिटल को बताया कि होटल और रेस्टोरेंट की ओर से डिमांड में कमी आई है.
गाजीपुर मुर्गामंडी में दुकान चलाने वाले मोहम्मद अनस ने TV9 हिंदी को बताया कि लॉकडाउन से पहले एक किलो चिकन की कीमत 200 तक पहुंच गई थी. वहीं, 3 जनवरी के बाद ये गिरकर 150 रुपये प्रति किलो पर आ गई है.
होटल और रेस्टोरेंट में जाने वाले माल में काफी कमी आई है. सुबह सुबह होटल के कारोबारी सामान खरीदने आते थे. अब तो कर्फ्यू लग गया है. इसीलिए डिमांड गिरी है. इसी का असर कीमतों पर भी है.
उत्तर प्रदेश पाल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन के चेयरमैन नबाब अली अकबर ने TV9 को बताया कि कोरोना की तीसरी लहर का कहर कारोबारियों पर दिखा है. बस अब तो उम्मीद की जा सकती है कि जल्द कोरोना से मुक्ति मिलेगी.


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