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कोरोना वायरस का असर, सेवा क्षेत्र की जुलाई में लगातार तीसरे महीने गतिविधियों में गिरावट

Deepa Sahu
4 Aug 2021 10:43 AM GMT
कोरोना वायरस का असर, सेवा क्षेत्र की जुलाई में लगातार तीसरे महीने गतिविधियों में गिरावट
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कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए.

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए. प्रतिबंधों के चलते सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में जुलाई 2021 के दौरान गिरावट आई। जुलाई में लगातार तीसरे महीने इसमें गिरावट आई है। एक मासिक सर्वेक्षण के मुताबिक मौसमी रूप से समायोजित भारत सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक जून के 41.2 से जुलाई में 45.4 पर आ गया। लेकिन कोविड-19 संकट के बीच कमजोर मांग की स्थिति के कारण यह लाल रंग में फंसा रहा।

संकुचन को दर्शाता है 50 से नीचे का अंक
मालूम हो कि पीएमआई के तहत, 50 से अधिक अंक का अर्थ गतिविधियों में विस्तार होता है, वहीं 50 से नीचे का अंक संकुचन को दर्शाता है। मालूम हो कि महामारी के प्रकोप और सरकार द्वारा लगाए गए स्थानीय प्रतिबंधों की वजह से व्यावसायिक गतिविधियों, नए ऑर्डर और रोजगार में बड़े पैमाने पर कमी आई है।
कम हुई गिरावट की रफ्तार
पिछले महीने के सेवा क्षेत्र के आंकड़े निराशाजनक हैं, लेकिन गिरावट की रफ्तार कुछ कम हुई है। इस संदर्भ में आईएचएस मार्किट में अर्थशास्त्र की संयुक्त निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि, ' सेवा क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन मौजूदा समय में कोरोना वायरस महामारी की वजह से बने माहौल से सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन प्रभावित हो रहा है।'
विनिर्माण क्षेत्र में जुलाई महीने में आई तीन महीनों की सबसे तेज वृद्धि
उल्लेखनीय है कि जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 55.3 अंक रहा। यह पिछले तीन महीनों में सबसे मजबूत वृद्धि दर है। कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान औद्योगिक उत्पादन में 9.7 फीसदी की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है। जून में यह सूचकांक जुलाई 2020 के बाद पहली बार 50 अंक से नीचे गिर गया था। तब ताजा व्यापार आशावाद में कमी आई थी, साथ ही लोगों का बेरोजगारी का भी सामना करना पड़ा था ।
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