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खाने का तेल होगा सस्‍ता! पढ़िए ये रिपोर्ट

jantaserishta.com
20 May 2022 5:35 AM GMT
खाने का तेल होगा सस्‍ता! पढ़िए ये रिपोर्ट
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नई दिल्ली: भारत में आम लोगों को महंगाई (Inflation) से आने वाले दिनों में कुछ राहत मिल सकती है. रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचे खाने वाले तेलों (Edible Oil) के दाम में कमी आने की संभावना है. पॉम ऑयल (Palm Oil) के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक इंडोनेशिया (Indonesia) ने निर्यात पर लगी रोक को हटाने का निर्णय लिया है. इसी कारण भारत में खाने वाले तेल के मोर्चे पर लोगों को राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है.

इंडोनेशिया ने पॉम ऑयल पर लगी रोक को हटाने का गुरुवार को ऐलान किया. यह प्रतिबंध सोमवार से हटने वाला है. भारत अभी इंडोनेशिया से पॉम ऑयल खरीदने वाला सबसे बड़ा देश है. भारत इंडोनेशिया से सालाना करीब 80 लाख टन पॉम ऑयल खरीदता है. भारतीय बाजार में खाद्य तेलों के कुल उपभोग में पॉम ऑयल का हिस्सा करीब 40 फीसदी है. दूसरी ओर इंडोनेशिया हर साल करीब 480 लाख टन पॉम ऑयल का उत्पादन करता है. यह टोटल ग्लोबल प्रॉडक्शन 750 लाख टन के आधे से भी ज्यादा है. पॉम ऑयल इंडोनेशिया के लिए रेवेन्यू का सबसे बड़ा स्रोत है.
इंडोनेशिया के कॉमर्स मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया कि पॉम ऑयल के निर्यात पर रोक लगाने के बाद अब उनके देश में इसे स्टोर करने की क्षमता समाप्त हो चुकी है. इसी कारण निर्यात पर रोक को हटाने का फैसला लेना पड़ा है. उन्होंने बताया कि निर्यात पर रोक का फैसला बदलने के पीछे यही मुख्य वजह है. इंडोनेशिया ने पॉम ऑयल के एक्सपोर्ट पर रोक लगाने का ऐलान 28 अप्रैल को किया था. अब एक महीने के भीतर फैसले को बदल दिया गया है.
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेंशंस (FIEO) के डाइरेक्टर जनरल अजय शाही ने इस बारे में कहा, 'इंडोनेशिया में पॉम ऑयल की घरेलू खपत उनके उत्पादन की तुलना में बहुत कम है. इस कारण उम्मीद तो थी कि एक्सपोर्ट पर रोक के फैसले को बदला जाएगा, हालांकि किसी ने इतनी जल्दी बदलने की उम्मीद नहीं की थी. इंडोनेशिया के इस फैसले से कीमतों में कमी आएगी और तेजी से चढ़े फूड इंफ्लेशन में कुछ कमी आएगी.'
भारत अभी कई सालों की सबसे ज्यादा महंगाई से जूझ रहा है. पिछले महीने भारत में खुदरा महंगाई मई 2014 के बाद के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई. इसी तरह थोक महंगाई नवंबर 1998 के बाद की सबसे ज्यादा है. अप्रैल महीने में रिकॉर्ड महंगाई के लिए फूड एंड फ्यूल इंफ्लेशन जिम्मेदार रहे. फूड इंफ्लेशन की बात करें तो यह मार्च के 7.68 फीसदी की तुलना में उछलकर अप्रैल में 8.38 फीसदी पर पहुंच गई. अब अगर खाने के तेलों के दाम कम होते हैं, तो इस मोर्चे पर राहत मिलेगी. इंडोनेशिया की रोक के लंबा खिंचने पर भारत में खाने के तेलों के भाव डबल हो जाने का खतरा था.
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