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केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों के दाम (Edible Oil Price) में कमी करने के मकसद से तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट लगवाने जा रही है
केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों के दाम (Edible Oil Price) में कमी करने के मकसद से तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट लगवाने जा रही है. इसे लेकर राज्यों को अपने हिसाब से स्टॉक तय करने को कहा गया है. लेकिन इससे दाम में कमी नहीं आ पाएगी उल्टे अधिकारी लोग व्यापारियों को उत्पीड़न शुरू कर देंगे. अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने यह बात कही है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर वाकई लोगों को सस्ता तेल खिलाना चाहती है तो उसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के जरिए इसका भी वितरण शुरू करवा देना चाहिए.
ठक्कर ने कहा कि पहले व्यापारियों को सिर्फ पोर्टल पर अपना स्टॉक बताना होता था लेकिन अब सरकार ने नया आदेश जारी करके राज्यों से अपने हिसाब से स्टॉक लिमिट (Stock Limit on Edible Oil) तय करने को कह दिया है. इससे इंस्पेक्टर राज बढ़ेगा. सरकार मांग और आपूर्ति में अंतर को दूर कर दे तो अपने आम खाद्य तेलों का दाम कम हो जाएगा. व्यापारियों पर स्टॉक लिमिट थोपने से पहले बाजार के बेसिक नियमों को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए.
नेपाल से आ रहे खाद्य तेल पर रोक लगाए सरकार: ठक्कर
ठक्कर ने कहा कि कुछ लोग नेपाल (Nepal) के जरिए अवैध रूप से जीरो ड्यूटी पर खाद्य तेल भारत ला रहे हैं. सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जगह व्यापारियों को क्यों तंग कर रही है. देश में 70 फीसदी खाद्य तेलों का इंपोर्ट करना पड़ता है. जब मांग में भी वृद्धि हो रही है और अपने यहां पैदावार नहीं है तो आयात बढ़ा दीजिए. दाम ज्यादा होने की समस्या खत्म हो जाएगी.
स्टॉक सीमा 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी
ठक्कर ने कहा कि पिछले 2 महीने के अंदर दो बार आयात शुल्क कम करने पर भी खाद्य तेलों के दाम पर अंकुश नहीं लगा है. अब स्टॉक सीमा 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी. इस आदेश पर स्टॉक लिमिट को निर्धारित करने का अधिकार राज्यों को दिया है. इस स्टॉक लिमिट में आयातक-निर्यातक शामिल नहीं हैं. जिन स्टॉकिस्ट, ऑयल मिलर्स एवं होलसेलर के पास स्टॉक राज्य द्वारा दिए गए मानकों से अधिक होगी, उसकी जानकारी पोर्टल पर 30 दिन के भीतर देनी होगी.
स्रोत बताना होगा
इसके अलावा आयातक जो रिफाइनर्स, मिलर्स, होलसेलर या डीलर हैं उनको आयातित माल की जानकारी यानी स्रोत देना होगा. जिन सभी को स्टॉक सीमा लागू होगी उन सभी को ऑनलाइन पोर्टल पर खाद्य तेल-तिलहन के स्टॉक की जानकारी देनी होगी. ठक्कर का कहना है कि राज्य सरकारें किस प्रकार स्टॉक की मात्रा तय करती हैं इसे संगठन देख रहा है. लेकिन इस फैसले से तेल-तिलहन बाजारों में खलबली है.
सिर्फ दिखावा बनकर रह जाती है स्टॉक लिमिट
ठक्कर ने कहा कि बाजार सप्लाई व डिमांड पर ही चलते हैं. इससे पूर्व में भी कई बार तेल बाजारों को काबू में करने के लिए सरकार ने स्टॉक सीमाएं लगाई हैं, लेकिन जब तक माल की उपलब्धता नहीं होती है बाजार काबू में नहीं आते. स्टॉक सीमा लादना सिर्फ दिखावा बनकर रह जाता है. ऐसे आदेश अधिकारियों को व्यापारियों को प्रताड़ित करने का मौका उपलब्ध कराते हैं. इससे भ्रष्टाचार बढ़ता है.
कमोडिटी एक्सचेंज के 'खेल' को बंद करने की जरूरत
संगठन महामंत्री तरुण जैन ने कहा सरकार को सबसे पहले माल की उपलब्धता बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए. उपलब्धता बढ़ती है तो बाजार अपने आप काबू में आ जाता है. इसके अलावा सरकार ने कमोडिटी एक्सचेंजों पर हो रहे 'खेल' को बंद करने की आवश्यकता है. इसकी मांग हम लगातार करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही.
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