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ED ने की चीन की इंस्टेंट पर्सनल लोन देने वाली ऐप पर बड़ी कार्रवाई, 107 करोड़ रुपए जब्त किए, जानें पूरा मामला
Bhumika Sahu
27 Aug 2021 2:52 AM GMT
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ईडी (ED) ने बताया कि चीन की इंटरनेट आधारित ऐप इंस्टेंट पर्सनल लोन (Personal Loan) दे रही थी जिसमें विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून का उल्लंघन किया जा रहा था.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने चीन के नियंत्रण वाली एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) के लगभग 107 करोड़ रुपए के फंड को विदेशी मुद्रा विनिमय कानून (Foreign Exchange Law) के उल्लंघन के आरोप में जब्त कर लिया है. ईडी (ED) ने बताया कि चीन की इंटरनेट आधारित ऐप इंस्टेंट पर्सनल लोन (Personal Loan) दे रही थी जिसमें विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून का उल्लंघन किया जा रहा था.
एजेंसी ने कहा कि एनबीएफसी कंपनी पीसी फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लि. ( PC Financial Services Private Limited- PCFS) के फंड बैंक खातों में पड़े थे. जिन्हें विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के प्रावधानों के तहत जब्त कर लिया गया है. कुल 106.93 करोड़ रुपए जब्त किये गए हैं.
ये है मामला
ED ने बताया कि कई NBFCs और फिनटेक कंपनियों (FinTech companies) के खिलाफ चल रही काले धन को वैध बनाने के मामले की जांच के दौरान यह मामला उसकी नजरों में आया. यह मामला इंस्टेंट लोन प्रदान करने वाले मोबाइल एप्लिकेशन से जुड़ा हैं.
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि ऐप के जरिये ऊंची ब्याज दर पर लोन दिया जा रहा था. साथ ही गलत तरीके से उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी का इस्तेमाल कर लोन भी वसूला जा रहा था. ग्राहकों को कॉल सेंटर से धमकियां और गलियां भी दी जा रही थी.
Cashbean नामक ऐप से दिया जा रहा था लोन
एजेंसी के अनुसार पिछले साल कई राज्यों से इस तरह की ऐप की कथित अवैध गतिविधियों की सूचना मिली थी. विशेष रूप से कोविड-19 (COVID-19) को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से उत्पन्न आर्थिक तनाव के दौरान. ऐसा आरोप है कि इन 'संदिग्ध' कंपनियों की जबरन वसूली और बदमाशी के कारण परेशान हो कर कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई.
ईडी ने बताया कि इस ताजा मामले में 'कैशबीन' (Cashbean) नाम की मोबाइल एप्लिकेशन के जरिये इस तरह का लोन दिया जा रहा था.
RBI के गाइडलाइंस के खिलाफ
लोन देने वाली चाइनीज मोबाइल ऐप कंपनी जिस तरीके के गैरकानूनी हथकंडे अपनाती हैं, ये NBFCs यानी Non-Banking Financial Company के भविष्य के लिए भी सही संकेत नहीं है. ये ग्राहकों को लोन 32 से 40 फीसदी के ब्याज पर देती हैं जो RBI के गाइडलाइंस के खिलाफ है. लोन अप्रूवल के समय कंपनी 2 से 3 महीने का समय सीमा देती है लेकिन 1 से 2 हफ्ते के बाद ही रिकवरी एजेंट फोन करना और धमकाना शुरू कर देते हैं.
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