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संकट में अर्थव्यवस्था: देश में व्यापार विकास के अनुमान में आई गिरावट, जानिए क्या हैं हालात

Deepa Sahu
14 April 2021 6:00 PM GMT
संकट में अर्थव्यवस्था: देश में व्यापार विकास के अनुमान में आई गिरावट, जानिए क्या हैं हालात
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संकट में अर्थव्यवस्था

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: देश के कई राज्यों में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों ने अर्थव्यवस्था को लेकर चिंताएं खड़ी कर दी हैं। निवेश बैंक अपने ग्रोथ प्रोजेक्शन को कम कर रहे हैं जबकि अन्य दूसरी लहर और इसे असर को लेकर चिंता जता रहे हैं। देश में कोरोना की दूसरी लहर ऐसे समय पर आई है जब अर्थव्यवस्था पिछले साल महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के असर से उबर रही थी। अनुमान लगाए जा रहे थे कि जल्द ही इसमें उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा, लेकिन वर्तमान स्थितियां कुछ और ही कहानी कह रही हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार गोल्डमैन सैश पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजी की रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि इसके अर्थशास्त्रियों ने अपने कुल सालाना जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 10.9 फीसदी से घटाकर 10.5 फीसदी कर दिया है। गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट के अनुसार, 'हमारे अर्थशास्त्री मानते हैं कि प्रसार को रोकने के लिए लगाए जाने वाले प्रतिबंध कुछ खास सेवाओं को अधिक प्रभावित करेंगे (जैसे कि खाने-पीने की वस्तुएं, मनोरंजन और यातायात) वहीं, निर्माण कार्य और उत्पादन पर इनका सीमित असर होगा।'
मूडीज ने एक रिपोर्ट में कहा, 'कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने हमारे वृद्धि के अनुमानों पर संकट पैदा कर दिया है क्योंकि महामारी को रोकने के लिए प्रतिबंधों को फिर से लागू करने पर आर्थिक गतिविधियों पर गहरा असर पड़ेगा और इससे बाजार और ग्राहकों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। 24 फरवरी के मुकाबले सात अप्रैल तक भारत में खुदरा और मनोरंजन गतिविधियां 25 फीसदी तक कम हो गई हैं। इसका उल्लेख भारतीय रिजर्व बैंक की मार्च में आई कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे में किया गया था।'
वित्त क्षेत्र की दिग्गज बार्क्लेज का कहना है कि महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और राजस्थान जैसे आर्थिक हब माने जाने वाले राज्यों में लोगों की आवाजाही पर वर्तमान प्रतिबंधों से जीडीपी को साप्ताहिक रूप से 1.3 बिलियन डॉलर तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं, अगर वर्तमान स्थितियां मई अंत तक रहीं तो कुल नुकसान 10.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। बार्क्लेज ने अपना वृद्धि अनुमान 11 फीसदी पर बरकरार रखा है लेकिन चेतावनी दी है कि अगर प्रतिबंध और सख्त हुए तो हमें खतरे का सामना करना पड़ सकता है।


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