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अर्थव्यवस्था : इस साल कैसा रहेगा जॉब मार्केट का हाल, SBI ने अपनी रिपोर्ट में बताया

Shiddhant Shriwas
4 Sep 2021 11:25 AM GMT
अर्थव्यवस्था : इस साल कैसा रहेगा जॉब मार्केट का हाल, SBI ने अपनी रिपोर्ट में बताया
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SBI ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि चालू वित्त वर्ष में आने वाले दिनों में जॉब मार्केट से अच्छी खबर मिलेगी. इसने कहा कि कोरोना का प्रभाव जैसे-जैसे कम हो रहा है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जून तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था में 20.10 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. कोरोना की दूसरी लहर के बाद आर्थिक गतिविधियों में भी सुधार हुआ है जिसके कारण जॉब मार्केट की स्थिति बदली है. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वित्त वर्ष 2021-22 में श्रम बाजार की गतिविधियां सुधरेंगी और कंपनियां महामारी कम होने के साथ नियुक्ति की योजनाओं को आगे बढ़ा रही हैं.

अर्थशास्त्रियों ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और नई पेंशन योजना (NPS) के नियमित तौर पर जारी मासिक वेतन रजिस्टर के आंकड़ों का जिक्र किया. मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने एक नोट में कहा, ''हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में श्रम बाजार की गतिविधियां बेहतर रहेंगी. कंपनियां आने वाले समय में नियुक्ति योजनाओं को अमल में लाएंगी.''रोजगार को लेकर यह उम्मीद ऐसे समय जताई गई है, जब दूसरी महामारी के बाद बेरोजगारों की संख्या बढ़ने और अर्थव्यवस्था में श्रम भागीदारी में कमी को लेकर चिंता जताई जा रही है.

अगस्त में 15 लाख गई नौकरियां

सेंटर फार मॉनिटरिंग इंडियन एकोनॉमी (CMIE) के अनुसार केवल अगस्त महीने में 15 लाख भारतीयों की नौकरियां चली गई. इसमें 13 लाख ग्रामीण क्षेत्रों से हैं. देश में रोजगार आंकड़े की कमी को लेकर विभिन्न तबकों में चिंता जताई जाती रही है. EPFO और NPS के रोजगार के आंकड़े की आलोचना की जाती रही है क्योंकि यह केवल संगठित क्षेत्र में नौकरियों तक सीमित है. जबकि बहुत सारा काम असंगठित क्षेत्र में होता है.

जून तिमाही में 16.3 लाख नई नौकरियां

घोष ने कहा, ''क्षेत्र को संगठित रूप देने की दर 10 प्रतिशत है. कुल नियमित रोजगार (पेरोल) में नई नौकरी का अनुपात 50 प्रतिशत है. यह बताता है कि प्रत्येक दो रोजगार में एक नियमित नौकरी में नया जुड़ाव है. यह वित्त वर्ष 2020-21 में 47 प्रतिशत था. यानी इसमें सुधार हुआ है. एसबीआई के अर्थशास्त्रियों की रिपोर्ट के अनुसार जून तिमाही में 30.74 करोड़ नियमित नौकरियां सृजित हुई. इसमें 16.3 लाख नई नौकरियां थी, जो पहली बार EPFO या एनपीए से जुड़े.

EPFO सब्सक्राइबर्स की संख्या बढ़ रही है

इसमें कहा गया है कि अगर नई नौकरियों में इसी रफ्तार से बढ़ोतरी होती रही तो यह 2021-22 में 50 लाख पार कर सकता है जो 2020-21 में 44 लाख था. रिपोर्ट के अनुसर अच्छी बात यह है कि शुद्ध रूप से EPFO अंशधारकों की संख्या वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में बढ़ी है. यह बताता है कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान श्रम बाजार में ज्यादा समस्याएं नहीं आई.

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