देश के निर्यात में सितंबर में करीब 6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. कोरोना संकट से जूझ रहे इकोनॉमी के लिए यह अच्छी खबर है. इससे पहले लगातार छह माह तक निर्यात में गिरावट आई थी. मुख्य रूप से दवाओं, फार्मास्युटिकल्स सामान तथा रेडीमेड गारमेंट्स की वजह से कुल निर्यात बढ़ा है.
सरकार द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर में निर्यात सालाना आधार पर 5.99 फीसदी बढ़कर 27.58 अरब डॉलर पर पहुंच गया. सितंबर, 2019 में कुल निर्यात 26.02 अरब डॉलर का था. वहीं, इस सितंबर 2020 में देश का आयात 19.6 फीसदी घटकर 30.31 अरब डॉलर रह गया. हालांकि, एक साल पहले इसी महीने में यह 37.69 अरब डॉलर रहा.
लोहा अयस्क का जबरदस्त निर्यात
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार सितंबर में लौह अयस्क (Iron ore) का निर्यात 109.65 फीसदी बढ़कर 30.34 करोड़ डॉलर, सिलेसिलाए परिधानों यानी रेडीमेड गारमेंट्स का निर्यात 10.22 फीसदी बढ़कर 1.19 अरब डॉलर और चावल का निर्यात 93.86 फीसदी बढ़कर 72.51 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया. इसी तरह दवाओं और औषधियों का निर्यात 24.38 फीसदी की वृद्धि के साथ 2.24 अरब डॉलर रहा. इस दौरान अन्य अनाज, चावल के निर्यात में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है.
सोने के आयात में भारी गिरावट
सितंबर में व्यापार घाटा कम होकर 2.72 अरब डॉलर रह गया जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 11.67 अरब डॉलर रहा था. समीक्षाधीन महीने में सोने के आयात में करीब 53 फीसदी की गिरावट आई और यह 60.14 करोड़ डॉलर रह गया.
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर के दौरान हुये निर्यात की बात की जाए तो इस दौरान इसमें 16.66 फीसदी की गिरावट आई और यह 221.86 अरब डॉलर रहा है. वहीं, इस दौरान आयात 35.43 प्रतिशत घटकर 204.12 अरब डॉलर रह गया.
कच्चे तेल के आयात में कमी
सितंबर महीने में कच्चे तेल का आयात 35.88 फीसदी घटकर 5.83 अरब डॉलर रह गया. जबकि पहली छमाही में कच्चे तेल का आयात 51.14 फीसदी घटकर 31.86 अरब डॉलर रहा है.
चीन से व्यापार घाटे में कमी
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर यह जानकारी दे दी थी कि चीन से भारत के व्यापार घाटे में भारी गिरावट आई है. उन्होंने बताया था कि इस वित्त वर्ष 2020-21 के पहले पांच महीनों में चीन से होने वाला व्यापार घाटा करीब आधा हो गया है. इसे मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता माना गया था.
अप्रैल से अगस्त 2020 के बीच व्यापार घाटा पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले आधा हो गया है. अप्रैल से अगस्त 2020 के बीच भारत और चीन के बीच होने वाला व्यापार घाटा सिर्फ 12.6 अरब डॉलर (करीब 93 हजार करोड़ रुपये) का रह गया. वित्त वर्ष 2019-20 की इसी अवधि में यह घाटा 22.6 अरब डॉलर का था.