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नई दिल्ली (आईएएनएस)| राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद मंगलवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 जारी कर दिया गया। आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। वहीं नॉमिनल जीडीपी 11 फीसदी रह सकती है। सर्वे में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी का अनुमान जताया गया है। जानकारी के अनुसार यह पिछले 3 साल में सबसे धीमी ग्रोथ होगी। आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि कोरोना संकटकाल में हुए नुकसान की भरपाई हो गई है और कोरोना से कृषि पर न्यूनतम असर देखा गया है। 2021-22 में देश की जीडीपी 8.7 फीसदी रही थी।
आर्थिक सर्वे में कहा गया कि कोरोना के चलते दो साल मुश्किल भरे रहे और कोरोना के साथ महंगाई ने नीतियों पर असर डाला है। वहीं सप्लाई चेन ने महंगाई संकट बढ़ाया और सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्च र पर खर्च बढ़ाया है। सर्विस सेक्टर पर कोरोना का सबसे ज्यादा असर देखा गया है।
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि एमएसएमई सेक्टर को दिए जाने वाले कर्ज में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। जनवरी से नवंबर 2022 के बीच 30.5 फीसदी ज्यादा कर्ज एमएसएमई सेक्टर को दिया गया है। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध और वैश्विक आर्थिक संकट के चलते आर्थिक विकास दर बीते वर्ष जताये गए अनुमान से कम रह सकती है।
गौरतलब है कि एक फरवरी को बजट आने से एक दिन पहले यानी 31 जनवरी को चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर इकोनॉमिक सर्वे के माध्यम से देश की सरकार का रिपोर्ट और आने वाले साल के लिए उम्मीदें सामने रखते है।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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