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सैलरी पर टैक्स बचाने के आसान तरीके, बंपर रिटर्न के साथ रिटायरमेंट फंड भी होगा तैयार

Renuka Sahu
26 July 2021 5:26 AM GMT
सैलरी पर टैक्स बचाने के आसान तरीके, बंपर रिटर्न के साथ रिटायरमेंट फंड भी होगा तैयार
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फाइल फोटो 

आप नौकरीपेशा व्यक्ति हैं तो यह आपके काम की खबर है. हर महीने सैलरी आने पर सभी खुश होते हैं पर उस पर टैक्स चुकाकर शायद ही कोई खुश होता हो.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आप नौकरीपेशा व्यक्ति हैं तो यह आपके काम की खबर है. हर महीने सैलरी आने पर सभी खुश होते हैं पर उस पर टैक्स चुकाकर शायद ही कोई खुश होता हो. इसका कतई यह मतलब नहीं है कि आपको टैक्स की चोरी करनी चाहिए. टैक्स चुकाना सभी का कर्तव्य है. लेकिन आपको टैक्स बचत के तरीकों के बारे में पता होना चाहिए, जिससे आपके निवेश करने पर सैलरी पर टैक्स कम लगेगा. इससे बचत बढ़ेगी और आपका पर्याप्त रिटायरमेंट फंड भी तैयार होगा.

आपको इस बात की जानकारी रखनी चाहिए कि कौनसे प्लान पर टैक्स में छूट मिलती है. इससे आप टैक्स में बचत कर सकते हैं. इसकी ज्यादा जानकारी के लिए आप इनकम टैक्स एक्ट, 1961 देख सकते हैं. आइए आपको टैक्स बचाने के कुछ तरीकों के बारे में बताते हैं.
ईपीएफ
यह सबसे लोकप्रिय टैक्स सेविंग स्कीम है. इसमें कर्मचारी के साथ-साथ कंपनी भी योगदान देती है. इसमें जमा पैसे और ब्याज पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता.
पीपीएफ
पीपीएफ यानि पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश करके भी टैक्स में बचत की सकती है. इसमें रिटायरमेंट के समय गारंटीड रिटर्न मिलता है. इसके अलावा इसमें जमा राशि, ब्याज और पैसा निकालने पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता.
नेशनल पेंशन सिस्टम
नेशनल पेंशन सिस्टम या एनपीएस में जल्द रिटायरमेंट चाहने वाले लोग निवेश कर सकते हैं. इसमें पीपीएफ और एफडी के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है. इसमें 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट का क्लेम किया जा सकता है.
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) को नौकरीपेशा लोगों के लिए सेविंग और टैक्स बचत का एक अच्छा जरिया माना जाता है. इसमें 80सी के तहत निवेश पर टैक्स में छूट मिलती है. लेकिन एक लाख से ज्यादा रिटर्न होने पर इसमें 10 फीसदी के हिसाब से टैक्स लगता है.
टैक्स सेविंग एफडी
टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश पर टैक्स में छूट दी जाती है. इसे साथ ही इससे भविष्य के लिए एक बड़ा फंड भी तैयार किया जा सकता है. यह एफडी स्कीम की तरह ही होती है और इसमें 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स में छूट मिलती है.


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