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20 हजार लगाकर करें 4 लाख की कमाई, PM मोदी ने भी कि‍या इस काम का जिक्र

Tulsi Rao
18 April 2022 2:32 PM GMT
20 हजार लगाकर करें 4 लाख की कमाई, PM मोदी ने भी कि‍या इस काम का जिक्र
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Lemon Grass Farming Business Idea : हर इंसान के मन में कभी न कभी ब‍िजनेस करने का व‍िचार आता ही है. वह चाहे नौकरीपेशा हो या क‍िसान. लेक‍िन कई बार आपके पास पैसे होते हैं लेक‍िन आपको ब‍िजनेस का आइड‍िया नहीं सूझता. अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा ही है तो हम आपको एक शानदार ब‍िजनेस आइड‍िया (Business Idea) के बारे में बताते हैं. इस काम को करने के ल‍िए आपको ज्‍यादा पैसे की भी जरूरत नहीं होगी. इसके ल‍िए आपको खेती की जमीन की जरूरत होगी.

लीज पर जमीन लेकर शुरू कर सकते हैं काम
गांव से जुड़े अध‍िकतर लोगों के पास खेती योग्‍य भूम‍ि होती है. यद‍ि आपके पास नहीं भी है तो आप इस काम के ल‍िए लीज पर जमीन ले सकते हैं. अच्‍छे मुनाफे वाले इस ब‍िजनेस के बारे में पीएम मोदी भी अपने भाषण में ज‍िक्र कर चुके हैं. यह कारोबार लेमनग्रास की खेती (Lemon Grass Farming) से जुड़ा है. इसे 'नींबू घास' भी कहा जाता है.
एक रुपये से कम में मिलता है पौधा
एक हेक्टेयर जमीन में लेमनग्रास की खेती करके आसानी से 4 लाख रुपये साल की कमाई हो जाएगी. ड‍िमांड बढ़ने पर उत्‍पादन बढ़ाकर अपनी इनकम को और बढ़ा सकते हैं. लेमनग्रास का पौधा एक रुपये से भी कम में मिलता है. इसकी खासियत यह होती है क‍ि इसे न तो पशु खाते हैं और न ही इसमें कीड़ा लगता है.
लेमनग्रास का यूज
लेमनग्रास से निकलने वाले तेल की बाजार में डिमांड रहती है. लेमन ग्रास से निकलने वाला तेल कॉस्मेटिक्स, साबुन, तेल और दवा बनाने वाली कंपनियां यूज करती हैं. इसके पौधे को सूखा प्रभावित इलाकों में भी लगाया जा सकता है. इस खेती में खाद की जरूरत नहीं होती. एक बार फसल बोने पर 5-6 साल तक चलती है.
कब लगाए फसल?
लेमन ग्रास लगाने का समय फरवरी से जुलाई के बीच है. एक साल में इसकी तीन से चार बार कटाई होती है. इससे न‍िकलने वाले तेल का रेट 1 हजार से 1,500 रुपये क‍िलो तक होता है. इसे लगाने के चार महीने बाद पहली कटाई कर ली जाती है. लेमन ग्रास तैयार हुई या नहीं, यह पता लगाने के लिए इसे तोड़कर सूंघने पर नींबू की खुशबू आए तो समझ‍िए फसल तैयार है.
पीएम मोदी ने भी सुझाया यह काम
लेमन ग्रास (Lemon Grass) की खेती का जिक्र पीएम मोदी (PM Modi) ने 'मन की बात' कार्यक्रम के 67वें संस्‍करण में किया था. उन्‍होंने इसका जिक्र करते हुए कहा था इस खेती से किसान भाई खुद को सशक्त बनाने के साथ देश की तरक्की में भी योगदान दे रहे हैं.


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