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10 रुपए के आलू से कमाएं 300 रुपए, हरियाणा के कृषि मंत्री ने किसानों से की फूड प्रोसेसिंग पर ध्यान देने की अपील
Apurva Srivastav
21 April 2021 5:52 PM GMT
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आलू, टमाटर और मक्का से किसानों को लागत पर 30 फीसदी तक कमाई हो सकती है
आलू, टमाटर और मक्का से किसानों को लागत पर 30 फीसदी तक कमाई हो सकती है. जबकि इन्हीं उपज की चिप्स (Chips), चटनी और पॉपकॉर्न के रुप में प्रोसेसिंग करने वाले उद्यमियों का मुनाफा (Profit) 300 फीसदी तक है. किसानों से 10 रुपए प्रति किलो खरीदा गया आलू चिप्स बनकर आखिरी उपभोक्ता तक 300 रुपए किलो बिक रहा है. उत्पादक (किसान) और उपभोक्ता (Consumer) के बीच की खाई में जो मुनाफा बिचौलिए उद्यमी पा रहे हैं, वह किसान भी कमा सकता है. यदि वह खुद को प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और मार्केटिग के लिए भी तैयार कर ले.
जब सब आगे बढ़ रहे हैं तो किसान क्यों नहीं?
यह बात हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कही है. उनका कहना है कि खेत से खाने की थाली तक एक किसान और आखिरी उपभोक्ता के बीच खाद, बीज, कीटनाशक, कृषि उपकरण कंपनियां समेत प्रोसेसर, पैकेजिंग, ट्रांसपोर्टर्स, होल-सेलर्स, रिटेलर्स और रेहड़ी-फड़ी वालों मिलाकर करोड़ों कारोबारी (Businessman) आगे बढ़ रहे हैं. तो फिर धरती पुत्र किसान आगे क्यों नहीं बढ़ सकता? उपज के बदले में किसान को लागत पर कुछ कमाई होती है. पर प्रोसेसिंग कंपनियां और उनके डीलर्स आखिर उपभोक्ता को बेचकर अधिक मुनाफे में हैं.
उद्यमी बनने की सोचें किसान
दलाल का कहना है कि वे भी एक किसान हैं. बड़े पैमाने पर उन्नत खेती कर रहे हैं. इसलिए किसानों को सलाह देते हुए कहा कि किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए उद्यमशीलता को अपनाएं. किसान की उपज पर फैले कारोबार से जब सैंकड़ों उद्यमी खासा मुनाफा कमा रहे हैं तो किसान भी परपंरागत खेती से आगे निकलकर उद्यमी बनने की सोचें.
इन जगहों पर फूड प्रोसेसिंग ट्रेनिंग सेंटर
हरियाणा सरकार कृषि उत्पादों पर आधारित ग्रामीण इलाकों में गोदाम, खाद्य प्रसंस्करण और पैकेजिंग जैसे उद्यमों को विकसित करने पर जोर दे रही है. खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) के ट्रेनिंग सेंटर भी कुरुक्षेत्र, जींद और सिरसा में स्थापित किए गए हैं. इसलिए किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए फूड प्रोसेसिंग को भी अपनाना चाहिए. फूड प्रोसेसिंग अपनाकर अच्छी-खासी कमाई की जा सकती है.
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