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ई-पासपोर्ट से बदलेगा आपके सफर का अनुभव, जाने फायदे

Bhumika Sahu
6 Feb 2022 3:25 AM GMT
ई-पासपोर्ट से बदलेगा आपके सफर का अनुभव, जाने फायदे
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सरकार के मुताबिक ई-पासपोर्ट में आवेदकों की जानकारी को चिप में सुरक्षित किया जाएगा जिसे बदला नहीं जा सकता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इसी हफ्ते पेश हुए बजट में (budget) ई-पासपोर्ट को शुरू करने के ऐलान के साथ देश भर में इसको लेकर उत्सुकता भी बढ़ गई है. लोग जानना चाहते हैं कि आखिर ई-पासपोर्ट होता क्या है और इसका लोगों को फायदा क्या मिलेगा. दरअसल ई-पासपोर्ट (E-Passport)आम तौर पर इस्तेमाल होने वाले पासपोर्ट का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप है जिसमें चिप का इस्तेमाल जानकारियों को रखने में किया जाता है. दुनिया भर में कई जगह ई-पासपोर्ट का इस्तेमाल हो रहा है और देखने में आया है कि इसकी मदद से यात्रियों (passengers) का समय बचता है और पासपोर्ट जारी आदि करने का काम भी तेजी के साथ और आसानी से होता है. ऐसे में आज हम आपको बताते हैं ई-पासपोर्ट से जुड़ी खास बातें

ई-पासपोर्ट है क्या
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक ई-पासपोर्ट देखने में तो साधारण पासपोर्ट की तरह ही लगेगा लेकिन इसमें खास चिप का इस्तेमाल किया जायेगा जो कि पासपोर्ट के अंदर लगाई जायेगी. सरकार के मुताबिक ई-पासपोर्ट में आवेदकों की जानकारी को चिप में सुरक्षित किया जाएगा जिसे बदला नहीं जा सकता है खास बात ये है कि अगर चिप के साथ छेड़छाड़ होती है तो ई-पासपोर्ट काम करना बंद कर देगा. माना जा रहा है कि ई-पासपोर्ट आधार की तर्ज पर ही काम करेगा. यानि इस बात की संभावना है कि इसे बनाते वक्त बायोमैट्रिक जानकारियां ली जायें, जिससे एयरपोर्ट पर यात्री की आसानी के साथ पहचान की जा सके. मीडिया में आई रिपेर्ट्स के मुताबिक चिप में 30 यात्राओं की जानकारी को स्टोर किया जा सकेगा.
नया नहीं है ई-पासपोर्ट
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक ई-पासपोर्ट कोई नया आइडिया नहीं है. फिलहाल 100 से अधिक देश ई-पासपोर्ट जारी कर रहे हैं और इसे पासपोर्ट की खासियत के रूप में पेश किया जाता है. खास बात ये है कि साल 2008 में भारत में भी ई-पासपोर्ट जारी करने के लिये पायलट प्रोजेक्ट चला था. तब राजनयिकों और अधिकारियों के लिये 20 हजार ई-पासपोर्ट जारी किये गये थे. फिलहाल दुनियाभर में ई-पासपोर्ट अनिवार्य नहीं है. लेकिन साल 2016 में सभी देशों ने यह तय किया था कि सभी पासपोर्ट को मशीन से पढ़े जाने के योग्य होना चाहिये. फिलहाल यूरोप के अधिकांश देशों में ई-पासपोर्ट ही चलते हैं. और दुनिया के 45 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास ई-पासपोर्ट मौजूद हैं. फिलहाल यूरोप के एयरपोर्ट में ई-पासपोर्ट की लाइन अलग से लगती है. भारत सरकार ने ई-पासपोर्ट के लिये इंडिया सिक्योरिटी प्रेस को टेंडर दिया है. खरीद प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही ई-पासपोर्ट जारी किये जायेंगे.
कैसे काम करता है ई-पासपोर्ट
जिन देशों में ई-पासपोर्ट चलन में है. वहां व्यक्ति का पासपोर्ट अधिकारी द्वारा नहीं ऑटोमैटिक मशीनों के द्वारा चेक किया जाता है. पासपोर्ट धारक जब इमिग्रेशन के गेट पर पहुंचता है तो वहां लगी मशीन और कैमरा पासपोर्ट पर लगी चिप को स्कैन कर लेता है. चिप पर सारी जानकारियां होती जिसे सिस्टम चेक कर गेट को खोल देता है और यात्री अपनी यात्रा के लिये आगे बढ़ सकता है. ये पूरी प्रक्रिया स्वचालित होती है और इसमे समय भी काफी कम लगता है.
क्या है ई-पासपोर्ट के फायदे
यात्रियों के अनुभवों के मुताबिक ई-पासपोर्ट से काफी समय बचता है और लोगों को अपने सफर पर आगे निकलने में देर नहीं होती क्योंकि सारा काम मशीनों द्वारा किया जाता है. इसके साथ ही ई-पासपोर्ट की मदद से धोखाधड़ी रोकने में भी काफी मदद मिलती है क्योंकि इसमें बायोमैट्रिक जानकारियों का इस्तेमाल होता है.जिसके साथ धोखाधड़ी संभव नहीं है. वहीं नये पासपोर्ट को जारी करने के काम में भी तेजी आती है.


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