नए साल से ई-इनवॉइस प्रणाली में बदलाव होने जा रहा है। अब 1 जनवरी, 2021 से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए बिजनेस-टू-बिजनेस लेनदेन पर ई-इनवॉइस जरूरी हो जाएगा।
वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने शुक्रवार को कहा, ई-इनवॉइसिंग प्रणाली वर्तमान में जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए सिस्टम से चल रहे छोटे कारोबारियों और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले कारोबारियों के लिए लाभकारी होगी।
इसके अलावा, 1 अप्रैल, 2021 से सभी करदाताओं के लिए बिजनेस-टू-बिजनेस लेनदेन पर ई-इनवॉइस जरूरी होगा। जीएसटी कानून के तहत ऐसे लेनदेन के लिए 1 अक्तूबर से 500 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए ई-इनवॉइस जरूरी किया गया है।
पांडेय ने कहा, यह फिजिकल इनवॉइस की जगह लेगा और जल्द ई-वे बिल प्रणाली को हटा देगा। ई-इनवॉयस प्रणाली लागू होने के 7 दिन में इनवॉइस रिफरेंस नंबर जेनरेशन 163 फीसदी बढ़ गया है।
जीएसटी में 61 करोड़ की धोखाधड़ी का खुलासा
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने कुछ निर्यातक कंपनियों की ओर से धोखाधड़ी से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) और नकद रिफंड के रूप में 61 करोड़ हथियाने का खुलासा किया है।
शुक्रवार को बयान में कहा गया कि आईटीसी का फायदा उठाकर उसका इस्तेमाल निर्यात की गई वस्तुओं पर आईजीएसटी चुकाने के लिए हुआ। बाद में उसके नकद रिफंड का दावा किया गया। इस तरह सरकारी खजाने को दोहरा नुकसान पहुंचा।