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भारतीय रेल (Indian Railways) यात्री सुविधाओं के साथ-साथ माल ढुलाई को लेकर भी काफी गंभीर है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारतीय रेल (Indian Railways) यात्री सुविधाओं के साथ-साथ माल ढुलाई को लेकर भी काफी गंभीर है और इसके लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Dedicated Freight Corridor) का निर्माण किया जा रहा है. इसी कड़ी में ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है. इस संबंध में पूर्व मध्य रेल के जनरल मैनेजर अनुपम शर्मा, डीएफसीसीआईएल (Dedicated Freight Corridor Corporation of India Limited) के प्रबंधक निदेशक आर. के. जैन और अन्य उच्चाधिकारियों के साथ शनिवार, 5 फरवरी को पटना में बैठक हुई. इस बैठक में महाप्रबंधक ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से सोननगर तक निर्माणाधीन डेडिकेटेड फ्रेड कॉरिडोर परियोजना की कार्य प्रगति की समीक्षा की.
पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन और सोननगर के बीच चल रहे काम की हुई समीक्षा
बैठक में जनरल मैनेजर अनुपम शर्मा द्वारा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तहत बनने वाली इस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के अंतर्गत पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन और सोननगर के बीच चल रहे कार्य की गहन समीक्षा की गई और निर्माणाीधन ROB (रेल ओवर ब्रिज) का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया. डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन और सोननगर रेल सेक्शन के बीच रेल अंडर ब्रिज/रेल ओवर ब्रिज सहित इस रेल सेक्शन के स्टेशनों के यार्ड का रिमॉडलिंग सहित विद्युत एवं सिग्नल से जुड़े कई कार्य किये जा रहे हैं.
अगले फेज में सोननगर से गया, गोमो, धनबाद होते हुए पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक निर्माण होना है. इसके लिए पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार में जितने भी यूटिलिटी शिफ्टिंग हैं, उस पर भी गहन चर्चा हुई. जनरल मैनेजर ने यूटिलिटी शिफ्टिंग का कार्य जल्द से जल्द करने का निर्देश दिया है. सोननगर से दानकुनी तक का कार्यों को तेज गति से पूरा किया जा सके, इसके मद्देनजर साल 2022-23 में 2000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा.
माल ढुलाई आसान बनाने के लिए बनाया जा रहा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से चिरेलापाथु के बीच 49 तथा सोननगर से बगहा विशुनपुर के बीच 1 समपार फाटक हैं. इनमें से 43 समपार फाटक पर रेल ओवर ब्रिज और बाकी के 7 समपार फाटक पर रेल अंडर ब्रिज का प्रावधान किया गया है. गंजख्वाजा और चिरेलापाथु के बीच सभी रेल अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है.
बता दें कि माल ढुलाई को आसान बनाने और पहले से स्थापित रेल लाइनों पर बढ़ रहे दबाव को कम करने के उद्देश्य से रेलवे की सब्सिडरी कंपनी DFCCIL दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण करवा रही है. पूर्वी और पश्चिमी कॉरिडोर में बंटी इस परियोजना के तहत 1504 किलोमीटर का पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह, मुंबई से उत्तर प्रदेश के दादरी को जोड़ेगा. वहीं पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर अपने 1856 किलोमीटर रेलमार्ग द्वारा पंजाब के साहनेवाल से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्यों से होकर गुजरेगा और पश्चिम बंगाल के दानकुनी को जोड़ेगा.
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर शुरू होने के बाद तेजी से होगा माल गाड़ियों का संचालन
बिहार से गुजरने वाली 1856 किलोमीटर लंबे पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना का बिहार राज्य में विस्तार 239 किमी का है. यह लाइन बिहार के कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया तथा झारखंड के धनबाद, गिरीडीह, कोडरमा जिले से गुजरेगी. देश के 9 राज्यों को मालभाड़ा समर्पित ये रेलमार्ग से जोड़ने वाली रेलवे की सबसे बड़ी आधारभूत विकास परियोजना है जो पर्यावरण अनुकूल परिवहन तंत्र से लेकर रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को गति देने में मददगार होगी.
डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर शुरू हो जाने के बाद इस ट्रैक पर माल गाड़ियों का परिचालन तेजी से किया जाएगा और इस कॉरिडोर से गुजरने वाली माल गाड़ियां कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंचेंगीं. वहीं, दूसरी तरफ सामान्य रेलवे ट्रैक से माल गाड़ियों के डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर ट्रैक पर शिफ्ट हो जाने के बाद यात्री ट्रेन के परिचालन में काफी सहूलियत होगी और ट्रेनों को तेज गति के साथ-साथ समयबद्ध तरीके से चलाया जा सकेगा.
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