व्यापार
महंगाई की वजह से जेब में हुआ छेद! आसमान छू रही कई सब्जियों की कीमत, 15 दिनों तक नहीं मिलेगी राहत
jantaserishta.com
11 Nov 2021 9:06 AM GMT
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Vegetable Inflation: त्योहारों का सीजन खत्म हो जाने के बाद भी अभी तक महंगाई खत्म होने का नाम नही ले रही है. टमाटर के दाम आसमान को छू रहे हैं. तो वहीं, प्याज के दाम आम आदमी के आंसू निकल रहे हैं. आम सब्जियों के दाम भी तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं. महंगाई की मार लोगों पर साफ नजर आ रही है. सब्जियां लगातार लोगों की पहुंच से बाहर हो गई हैं.
टमाटर की कीमत लगातार बढ़ने के चलते टमाटर रसोई घर से गायब हो रहा है. तो वहींं, प्याज सलाद की थाली गायब हो गया है. सब्जियों के लगातार बढ़ते दामों के कारण रसोई चलाने वाली महिलाओं के लिए अब घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है. खाद्य पदार्थों की चीजों में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने रसोई घर का बजट बिगाड़ दिया है.
पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम के बाद सब्जियों के दाम जिस तरीके से आसमान छू रहे हैं, उसने आम लोगों के लिए एक बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है. टमाटर की कीमत की अगर बात करें तो 2 महीने पहले तक जहां टमाटर की कीमत 20 रुपये किलो थी, वह पिछले कुछ दिनों में तीन से चार गुना बढ़ चुकी है. बढ़ती कीमतों के कारण लोग टमाटर का इस्तेमाल खाना बनाने में काम कर रहे हैं.
यही हाल प्याज का भी है. प्याज की कीमत 1 महीने पहले तक 15 से 20 रुपये थी, वह 55 से 65 रुपये पहुंच गई है. बढ़ रहे प्याज के दाम लोगों के आंसू निकाल रहे हैं. प्याज और टमाटर के लगातार बढ़ते दामों के कारण लोग इनको खरीदने से परहेज भी कर रहे हैं.
सब्जियां पहले अब
टमाटर 50 80
प्याज 35 65
आलू 25 45
गोभी 60 80
अभी राहत की उम्मीद नहीं
दिल्ली की आजादपुर मंडी में टमाटर का कारोबार करने वाले महावीर चौहान की मानें तो आजादपुर थोक मंडी में टमाटर 40 से 50 प्रति किलो बिक रहा है. यही रिटेल मंडी में जाकर 65 से 75 रुपये और गलियों और अन्य इलाकों में 80 से 90 बिक रहा है. महावीर चौहान बताते हैं कि तमिलनाडु, कर्नाटक जैसे कई राज्यों में लगातार बारिश हो रही है. नई फसल पूरे तरीके से मंडियों में नहीं पहुंची है. नई फसल के मंडियों में पहुंचने में अभी 10 से 15 दिन का वक्त और लगेगा तब तक लोगों को प्याज और टमाटर के दाम इसी तरीके से रुलाते रहेंगे.
आजादपुर मंडी के एक अन्य कारोबारी दीपक बताते हैं कि सब्जियों के दाम बढ़ने से उनकी दुकानदारी पर भी काफी असर पड़ा है. बढ़ते दामों के बीच लोग सब्जियां कम खरीद रहे हैं. नतीजन सब्जियां बेचना मुश्किल हो रहा है. दुकानदार व्यापारियों के कर्जदार होते जा रहे हैं. ऐसे में उनके सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. दीपक बताते हैं कि आलू की कीमत की लगातार बढ़ती जा रही है. आलू की नई फसल मंडियों में अभी पूरी तरह से नहीं पहुंची है. ऐसे में जो आलू एक महीने पहले तक 10 रुपये प्रति किलो बिकता था, वह इस वक्त मंडियों के अंदर 25 से 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
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