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DRDO ने डेवलप किया AI टूल- अब चेस्ट एक्स-रे से कोरोना वायरस का चल जाएगा पता

Gulabi
8 May 2021 8:35 AM GMT
DRDO ने डेवलप किया AI टूल- अब चेस्ट एक्स-रे से कोरोना वायरस का चल जाएगा पता
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DRDO ने डेवलप किया

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) और सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स (CAIR) ने Covid-19 से प्रभावित मरीजों के बारे में जानने के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एल्गोरिद्म को डेवलप किया है. इसमें चेस्ट X-Ray से यह पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति Covid-19 से पीड़ित है या नहीं.


इसके डेवलपर्स के अनुसार इस टूल का नाम Atman AI रखा गया है जिसका इस्तेमाल चेस्ट X-Ray स्क्रीनिंग के लिए किया जाता है और इसमें 96.73 प्रतिशत का एक्यूरेसी रेट मिला है. CAIR, DRDO के डायरेक्टर डॉक्टर यू.के. सिंह ने कहा कि इस डायग्नोस्टिक टूल को डेवलप करना DRDO के प्रयासों का हिस्सा था जिसका मुख्य उद्देश्य चिकित्सकों और फ्रंट लाइन वर्कर्स की मदद करना जिससे वे जल्द से जल्द Covid-19 मरीजों के बारे में जान सकें और उनका इलाज कर सकें.

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के लिए लिमिटेड टेस्टिंग फैसिलिटीज मिलने के कारण AI टूल को डेवलप करना जरूरी था जिससे एक्स-रे के जरिए बीमारी का पता लगाया जा सके. यह टूल सेकेंड्स में रेडियोलॉजिकल फाइंडिंग्स को ऑटोमेटिकली डिटेक्ट कर के Covid-19 का पता लगाने में मदद करेगा. खासतौर पर एमरजेंसी मामलों में चिकित्सक और रेडियोलॉजिस्ट इससे और प्रभावी रूप से केस के बारे में पता कर सकेंगे.

टेस्ट करवाने का खर्चा होगा कम

इस टूल पर काम करने वाली टीम ने कहा कि एक्स-रे का इस्तेमाल कर के Covid-19 के बारे में और प्रभावी रूप से पता लगाया जा सकेगा और इस पर खर्चा भी कम आएगा. डेवलपर्स ने कहा कि सीटी स्कैन के लिए आसान पहुंच के कारण यह देश के छोटे शहरों में रहने वाले लोगों के लिए काफी लाभदायक हो सकता है. उन्होंने कहा कि इससे रेडियोलॉजिस्ट पर भी दबाव घटेगा और कोविड-19 मरीजों के लिए ज्यादातर इस्तेमाल हो रही CT मशीनों का अन्य रोगियों के लिए इस्तेमाल हो सकेगा. डेवलपर्स ने बताया इस टूल को डेवलप करने के लिए RT-PCR पॉजिटिव पेशेंट्स के चेस्ट एक्स-रे का इस्तेमाल किया गया है. इस बीमारी के अलग-अलग स्टेजेज पर टेस्ट किया गया है.

इस रिपोर्ट में कहा गया कि HCG एकेडमिक्स के सहयोग से भारत में रेडियोलॉजिस्ट के सबसे बड़े डिजिटल नेटवर्क 5C नेटवर्क द्वारा इसका इस्तेमाल किया जाएगा. इसे देश भर के लगभग 1000 हॉस्पिटल्स में इस्तेमाल किया जाएगा.
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