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नई दिल्ली,(आईएएनएस)| व्हाइट हाउस के एक पूर्व सलाहकार ने कहा है कि ब्रिक्स मुद्रा डॉलर के प्रभुत्व को समाप्त कर सकती है। ट्रम्प प्रशासन के दौरान व्हाइट हाउस काउंसिल ऑफ इकोनॉमिक एडवाइजर्स के पूर्व विशेष सलाहकार और स्टाफ अर्थशास्त्री रहे जोसेफ सुलिवन ने फॉरेन पॉलिसी में लिखा है कि अंतत: डी-डॉलरीकरण का क्षण आ सकता है।
सुलिवान ने लिखा कि डी-डॉलराइजेशन की बात हो रही है। पिछले महीने नई दिल्ली में रूस के स्टेट ड्यूमा के डिप्टी चेयरमैन अलेक्जेंडर बाबकोव ने कहा कि रूस अब एक नई मुद्रा के विकास की अगुआई कर रहा है। इसका उपयोग ब्रिक्स देशों - ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका - द्वारा सीमा पार व्यापार के लिए किया जाना है।
कुछ सप्ताह बाद बीजिंग में ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने कहा कि वह हर रात खुद से पूछते हैं कि क्यों सभी देशों को अपने व्यापार को डॉलर पर आधारित करना पड़ता है।
सुलिवन ने कहा कि ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका द्वारा जारी मुद्रा डॉलर के प्रभुत्व के लिए एक अनूठा खतरा पैदा करेगी।
मार्केट्स इनसाइडर ने कॉलम में कहा, यह तेजी से उभर रहे असंतोषों का मिश्रण है जिनकी कुल जीडीपी न सिर्फ अमेरिका से ज्यादा है बल्कि जी5 के सम्मिलित जीडीपी से भी अधिक है।
मार्केट्स इनसाइडर ने बताया कि हाल के महीनों में डी-डॉलरकरण के बारे में काफी चर्चा हो रही है। रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के बाद राष्ट्रों को डॉलर पर अत्यधिक निर्भरता के खतरे का पता चला। इसे अन्य मुद्राओं, विशेष रूप से चीनी युआन, को बढ़ाने के बढ़ते प्रयासों के साथ जोड़ा गया है।
ब्राजील के राष्ट्रपति ने हाल ही में दुनिया को सदस्य देशों की मुद्रा बास्केट के आधार पर ब्रिक्स मुद्रा की योजना के बारे में याद दिलाया।
सुलिवन ने कहा कि एक सांकेतिक ब्रिक्स मुद्रा के मौजूदा विकल्पों की तुलना में कई फायदे होंगे। मसलन, द्विपक्षीय सौदों में भी शुद्ध राशि डॉलर के रूप में रखी जाती है जिसके परिणाम स्वरूप अन्य देशों के लिए इसकी उपयोगिता काफी कम रह जाती है।
उन्होंने कहा, ब्रिक्स अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में आत्मनिर्भरता के स्तर को हासिल करने के लिए भी तैयार होगा, जिससे अन्य मुद्राओं वाले देश अब तक महरूम हैं। चूंकि ब्रिक्स करेंसी-यूनियन इस मायने में बिल्कुल अलग होगा कि यह एक-दूसरे के साथ भौगोलिक सीमा साझा करने वाले देशों का संघ नहीं होगा। इसके सदस्य किसी भी मौजूदा मौद्रिक संघ की तुलना में ज्यादा अलग-अलग वस्तुओं के उत्पादन में सक्षम होंगे।
सुलिवान ने कहा कि गैर-सदस्य देशों के पास ब्रिक्स मुद्रा का उपयोग करने का पर्याप्त कारण होगा - प्रत्येक सदस्य की अर्थव्यवस्था उनके संबंधित क्षेत्रों में काफी बड़ी है ताकि उन्हें मांग के बाद भागीदार बनाया जा सके।
लंदन स्थित एसेट मैनेजमेंट कंपनी यूरिजोन के सीईओ स्टीफन जेन ने हाल ही में ब्लूमबर्ग को बताया कि वैश्विक भंडार में डॉलर का हिस्सा पिछले दो दशकों की तुलना में पिछले साल दस गुना तेजी से गिरा है। समाचार चैनल आरटी ने बताया कि अन्य देशों ने जब यह देखा कि रूस के डॉलर और यूरो की प्रमुखता वाले एसेट्स को विदेशों में फ्रीज कर दिया गया है और रूस स्विफ्ट सिस्टम से कट गया है, उसके बाद यह प्रक्रिया तेज हो गई है।
आरटी के अनुसार, अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने हाल ही में स्वीकार किया था कि प्रतिबंधों के माध्यम से अपने भू-राजनीतिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका द्वारा वैश्विक वित्तीय प्रणाली में दखल देने के कारण वैश्विक मुद्रा भंडार में डॉलर की भूमिका कमजोर हो सकती है।
--आईएएनएस
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