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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Google is always listening to you: कई बार आप सबने भी यह गौर किया होगा कि हम अपने घर में जो बात कर रहे होते हैं, अगले ही पल उसका विज्ञापन हमें अपने मोबाइल पर दिखाई देता है. कभी-कभी यह देखकर लगता है कि क्या यह सिर्फ संयोग है या गूगल हमारी सभी बातें सुन लेता है.
लोगों को रहता है संदेह
आमतौर पर तो Android फोन्स में गूगल वॉयस असिस्टेंट फीचर होता है, जिसे आप Ok Google बोलकर एक्टिवेट कर सकते हैं. इसे आप अपने स्मार्टफोन पर माइक के आइकन पर क्लिक करके भी गूगल वॉयस सर्च का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि गूगल आपकी हर बात सुनता है चाहे माइक ऑन हो या नहीं.
क्या गूगल सुनता है आपकी पर्सनल बातें?
जरा सोचिए कि आपने किसी दोस्त से अपनी गाड़ी को बेचने से संबंधित कोई बात कही हो. आपने वह बात फोन पर ना भी कही हो और फोन सिर्फ आपके पास हो. तब भी यह देखा जाता है कि अगले दिन से ही उसके मोबाइल ब्राउजर और फेसबुक पर गाड़ियों को बेचने से जुड़े विज्ञापन नजर आने लगते हैं. क्या ये सिर्फ एक संयोग है या फिर गूगल हमारी बातें सुनता रहता है? लोगों की मानें तो ऐसे कई मौके हैं, जब हम किसी मुद्दे पर चर्चा करते हैं और हमें उसका ऐड नजर आने लगता है.
क्या कहती हैं कंपनियां?
ऐसे में इस सवाल का सही जवाब देना तो थोड़ा मुश्किल है लेकिन फिर भी आपको सचेत तो रहना ही चाहिए. दरअसल गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियां इस बात से किनारा करती हैं कि वो किसी की बातें सुनती हैं. कंपनियों का कहना है कि वो किसी की प्राइवेसी में दखल नहीं देते. गूगल प्राइवेसी पॉलिसी के मुताबिक वो इजाजत के बिना हमारी बातें रिकॉर्ड नहीं करते हैं.
ऐसे में एक मात्र बचाव यही है कि आप ऐसे एप्स का इस्तेमाल करें जो माइक्रोफोन का एक्सेस नहीं लेते हों.
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