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जानते हैं कितने करोड़ की है ग्रीन डायमंड की इकोनॉमी

Apurva Srivastav
23 Jun 2023 4:08 PM GMT
जानते हैं कितने करोड़ की है ग्रीन डायमंड की इकोनॉमी
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जब से पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्‍ट्रपति की पत्‍नी जिल बाइडेन को ये ग्रीन डायमंड दिया है तब से इस हीरे की चर्चा बड़े पैमाने पर हो रही है। 7.5 कैरेट के इस ग्रीन डायमंड को सरकार ने गुजरात की एक कंपनी से खरीदा है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं जिस ग्रीन डायमंड को पीएम मोदी ने अमेरिका की फर्स्‍ट लेडी को गिफ्ट किया है उसका भारत में एक बड़ा बाजार है। आज भारत में इसका बाजार लाखों करोड़ में जा चुका है और पीएम मोदी उपहार देने के बाद सूरत के कारोबारी इसमें और इजाफा होने की संभावना जता रहे हैं।
किस कंपनी से किया गया है परचेज
जिस हीरे को पीएम मोदी ने यूएस की फर्स्‍ट लेडी को गिफ्ट किया है उसे सरकार ने ग्रीन डायमेंड लैब से खरीदा है। इस हमने इस कंपनी के प्रमुख मुकेश पटेल ने बिजनेस वर्ल्‍ड से बात करते हुए कहा कि ये एक लैब में बनाया हुआ डायमंड है। वो हीरे के जौहरी हैं और लंबे समय से ये काम कर रहे हैं। मुकेश पटेल बताते हैं कि आज हीरे का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका है। भारत में जितना भी डायमंड बनता है उसका एक बड़ा हिस्‍सा अमेरिका में जाता है। वो पीएम मोदी को धन्‍यवाद देते हुए कहते हैं उन्‍होंने इस हीरे को गिफ्ट करके इस इंडस्‍ट्री को कहां से कहां पहुंचा दिया है।
कितना है ग्रीन डायमंड का बाजार
मुकेश पटेल कहते हैं कि आज की तारीख में भारत में जितना भी डायमंड बनता है उसका 70 प्रतिशत डायमंड अमेरिका में जाता है। इसका सबसे बड़ा बाजार यूएस है। ये पिछले दो सालों से अमेरिका में इस इकोफेंडली डायमंड की चमक बढ़ती जा रही है। ये डायमंड सोलर और इलेक्‍ट्रिसिटी से इसे बनाया जाता है।
जमीन से निकलने वाले डायमंड से ये कितना अलग है
जब हमने उनसे पूछा कि जमीन से निकलने वाले डायमंड और लैब में बनने वाले डायमंड में कितना फर्क होता है तो वो कहते हैं कि इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि ये एक तरह से टेस्‍ट टयूब बेबी की तरह है, जैसे टेस्‍ट टयूब बेबी को उन्‍हीं परिस्थितियों का निर्माण करके बनाया जाता है वैसे ही इस ग्रीन डायमंड को भी बनाया जाता है। इसे पूरे 1500 डिग्री तापमान में बनाया जाता है। ये एक पूरे साइंस के तहत ही बनाया जाता है। वो कहते हैं कि अगर दोनों डायमंड आपके हाथ में रख दिए जाएं तो आप बता नहीं सकते हैं कि कौन सा असली है और कौन सा नकली। यही नहीं जौहरी भी आसानी से नहीं बता सकता कि दोनों में क्‍या अंतर है। वो कहते हैं कि मैं इसे लेकर चैलेंज दे सकता हूं।
बड़े पैमाने पर मिलेगा इस इंडस्‍ट्री से रोजगार
मुकेश पटेल कहते हैं कि आज नैचुरल डायमंड इंडस्‍ट्री से जितने लोग जुड़े हैं अगर ये इंडस्‍ट्री आगे बढ़ती है तो इससे और रोजगार पैदा होगा। 1 लाख करोड़ का माइन डायमंड आता है तो 20 हजार करोड़ का कट एंड पेस्‍ट वैल्‍यू लग जाता है। मतलब 1 लाख 20 हजार करोड़ में 80 हजार करोड़ का एक्‍सपोर्ट होता है। लेकिन अगर इसमें 1 लाख करोड़ का बनता है तो पूरा एक्‍सपोर्ट होता है। वो कहते हैं कि हमारे पीएम बड़े दूरदर्शी हैं। अभी हर रोज 5 लाख लोग इसमें काम कर रहे हैं। मुझे लगता है कि 10 लाख लोग इसमें काम करने लगेंगें।
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