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जिला निर्यात हब नीति से भारतीय निर्यात को मिली मजबूती: आर्थिक अनुसंधान विभाग की रिपोर्ट

Admin Delhi 1
11 Oct 2022 12:21 PM GMT
जिला निर्यात हब नीति से भारतीय निर्यात को मिली मजबूती: आर्थिक अनुसंधान विभाग की रिपोर्ट
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दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक अनुसंधान विभाग की एक ताजा शोध रिपोर्ट के अनुसार एक जिला एक उत्पाद – तथा जिला निर्यात केंद्र जैसी पहल ने 2018-19 से राज्यों के निर्यात में औसतन लगभग चार गुना वृद्धि हुई है और देश के निर्यात का आधार मजबूत हुआ है।बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ सौम्य कांति घोष द्वारा तैयार "भारत के निर्यात की वृद्धि मजबूत राह पर" शीर्षक इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वर्तमान दर से चालू वित्त वर्ष में निर्यात 420 अरब डालर के पिछले वित्त वर्ष के आंकड़े का पार कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार किसानों और छोटे उद्योगों को विदेशी बाजारों में निर्यात के अवसरों का लाभ प्राप्त करने के लिए एक जिला एक उत्पाद – तथा जिला निर्यात केंद्र (ओडीओपी-डीईएच) के तहत हस्तक्षेप संस्थागत और रणनीतिक उपायों के रूप में प्रस्तावित हैं। ओडीओपी-डीईएच के तहत, इन जिलों में कृषि और खिलौना समूहों और जीआई उत्पादों सहित देश भर के 733 जिलों में निर्यात क्षमता वाले उत्पादों/सेवाओं की पहचान की गई है। 12 जिलों में खिलौना निर्माण समूहों की पहचान की गई है।

एसबीआई के आर्थिक अनुसंधान प्रभाग की इस रिपोट में कहा गया है कि वर्ष 2019-20 में की शुरुआत के साथ, लगभग सभी राज्यों में निर्यात में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। ओडीओपी-डीईएच पहल की शुरुआत के बाद से आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल का निर्यात तीन गुना से अधिक बढ़ गया है। इन राज्यों में तमिलनाडु को छोड़कर निर्यात तैयारियों वाले सभी शीर्ष 10 राज्य शामिल हैं जिनका निर्यात दोगुने से अधिक बढ़ा है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का वाणिज्यक निर्यात 420 अरब डालर के रिकॉर्ड स्तर को छू गया और चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में निर्यात का आंकड़ा 229 अरब डालर तक पहुंच चुका है।" रिपोर्ट के अनुसार इस दर पर निर्यात चालू वित्त वर्ष में 420 अरब डालर से आगे निकल सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तैयार और मध्यवर्ती वस्तुओं का निर्यात, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना पर जोर और खाद्य कीमतें इस निर्यात वृद्धि में योगदान दे रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सुधार लाने के लिए भारत सरकार के निरंतर और ठोस प्रयास अत्यधिक फलदायी रहे हैं और वर्तमान में परिणाम दिखा रहे हैं।

कोविड-19 के बावजूद भारत का कृषि निर्यात उल्लेखनीय रूप से बढ़ा और पिछले वित्त वर्ष में 50 अरब डालर का आंकड़ा पार कर गया। इसमें इस बात का भी उल्लेख है कि भारत के कृषि-निर्यात की सूची का विस्तार करने और भारत के लिए अद्वितीय उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार निर्यात में सहायक बुनियादी ढांच के विस्तार की योजना (टीआईईएस) लागू कर रही है और इसके अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों की सहायता की जा रही । भारत सरकार नई लाजिस्टिक्स नीति और एक जिला एक उत्पाद – जिला निर्यात हब (ओडीओपी-डीईएच) पहल से बड़े पैमाने पर निर्यात वृद्धि का लक्ष्य सही रास्ते पर है।

डॉ घोष का कहना है कि वैश्विक मूल्यवर्धन श्रृंखला जुड़ाव के साथ एकीकरण के लिए भारत को कच्चे माल और मध्यवर्ती वस्तुओं पर पूंजीकरण पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकता है। भारत को संरक्षणवाद से बचने और उल्टे शुल्क के सुधार के साथ-साथ विश्व बाजार की "चीन प्लस वन" की नयी रणनीति का लाभ उठाना चाहिए जिसमें देश और कंपनियां चीन के अलावा एक और आपूर्ति केंद्र की तलाश कर रही हैं।

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