लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत चर्चा और संवाद है और लोगों की समस्याओं को हल करने का मंच होने के नाते, विधायिका को बिना किसी व्यवधान के निर्बाध बहस का केंद्र होना चाहिए। बिड़ला ने कहा कि इससे लोकतांत्रिक संस्थाओं में लोगों का विश्वास बढ़ेगा, जिससे हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा। वह गंगटोक में विधायक सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे।
बिरला ने संसद और विधानसभाओं को जनता के लिए अधिक सुलभ बनाने के विषय पर बोलते हुए कहा कि जिस तरह से आईटी के उपयोग से विधानसभाओं और जनता के बीच सक्रिय भागीदारी बढ़ी है, वह उल्लेखनीय है, लेकिन हमें और अधिक सक्रिय भूमिका निभानी है। डिजिटल संसद का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि तकनीक के सहारे विधायिका के काम को जनता तक पहुंचाया जा रहा है; सोशल मीडिया भी बातचीत के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में उभरा है। उन्होंने कानून बनाने की प्रक्रिया में लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी का आह्वान किया ताकि लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुसार कानून बनाए जा सकें।