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1 सितंबर से लागू होगा DICGC संशोधन कानून, 30 नवंबर से वापस मिलेंगे PMC बैंक के ग्राहकों को 5 लाख रुपए, जाने
Bhumika Sahu
31 Aug 2021 2:59 AM GMT
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संसद ने डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (संशोधन) विधेयक, 2021 इस महीने की शुरूआत में पारित कर दिया था. सरकार ने कानून के प्रावधान अमल में आने की तारीख 1 सितंबर, 2021 अधिसूचित की है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकार ने डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) कानून को अधिसूचित कर दिया है. इससे पंजाब एंड महाराष्ट्र को-आपरेटिव (पीएमसी) बैंक जैसे दबाव वाले बैंकों के ग्राहकों को 30 नवंबर से 5 लाख रुपये तक की जमा मिलने की गारंटी मिल जायेगी. संसद ने डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (संशोधन) विधेयक, 2021 इस महीने की शुरूआत में पारित कर दिया था. इसके जरिये यह सुनिश्चित किया गया है कि आरबीआई द्वारा किसी बैंक के कामकाज पर रोक लगाये जाने के 90 दिन के भीतर बैंक के जमाधारकों को 5 लाख रुपये तक की जमा रकम मिल जाए.
यह राशि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन उपलब्ध कराएगा. इस महीने 27 तारीख को राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार सरकार ने कानून के प्रावधान अमल में आने की तारीख एक सितंबर, 2021 अधिसूचित की है.
1 सितंबर से लागू होगा DICGC संशोधन कानून
इसमें कहा गया है, डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (संशोधन) कानून, 2021 की धारा 1 की उपधारा (दो) के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार कानून के सभी प्रावधानों के अमल में आने की तारीख एक सितंबर, 2021 तय करती है.
यानी इसके हिसाब से जमाकर्ताओं के लिये फंड प्राप्त करने की 90 दिन की अवधि 30 नवंबर, 2021 है.
23 सहकारी बैंकों के जमाकर्ताओं को होगा फायदा
इस कानून के तहत उन 23 सहकारी बैंक के जमाकर्ता भी आएंगे, जो वित्तीय दबाव में हैं और जिन पर रिजर्व बैंक ने कुछ पाबंदियां लगायी हुई है. डीआईसीजीसी आरबीआई की पूर्ण अनुषंगी है. यह बैंक जमा के लिये बीमा उपलब्ध कराता है.
वर्तमान में जमाकर्ताओं को वित्तीय रूप से दबाव वाले बैंकों से अपनी बीमा राशि और अन्य दावा प्राप्त करने में 8 से 10 साल लग जाते हैं.
क्या है डिपॉजिट इंश्योरेंस
किसी बैंक के डिफॉल्ट या फेल होने पर एक हद तक ग्राहकों की जमा सुरक्षित रहती है. इसे डिपॉजिट इंश्योरेंस कहते हैं. डिपॉजिट इंश्योरेंस एक तरह का प्रोटेक्शन कवर है. यह बैंक के जमाकर्ताओं को मिलता है. डीआईसीजीसी यह इंश्योरेंस मुहैया कराता है. यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है.
वर्तमान प्रावधानों के मुताबिक, बैंक का लाइसेंस रद्द होने और लिक्विडेशन प्रोसेस शुरू होने पर 5 लाख रुपए तक का जमा सुरक्षित है.
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